‘‘हर कोई कहता है कि मेरा गर्भ आठ महीने से कम का दिखता है। मेरी दाई का कहना है कि सब ठीक है लेकिन मेरे शिशु का विकास अधूरा तो नहीं?”
किसी माँ का पेट देखकर शिशु का पता नहीं लगा सकते आप गर्भ को कैसे धारण कर रही हैं, यह ज्यादा मायने रखता है‒
आपका अपना शरीर- आकार व हड्डियों का ढांचा पेट के आकार कई तरह के हो सकते हैं एक कम कद वाली महिला का उभार, लंबी महिला के मुकाबले थोड़ा छोटा हो सकता है वहीं दूसरी ओर ज्यादा मोटी महिलाओं का उभार दिखाई ही नहीं देता क्योंकि उनके पेट में पहले से ही शिशु के लिए काफी जगह होती है।
आपकी मांसपेशियों की टोन- यदि मांसपेशियाँ सख्त होंगी तो ढीली मांसपेशियोंवाली माँ की तुलना में आपका उभार ज्यादा नहीं दिखेगा।
शिशु की स्थिति- आपका शिशु भीतर किस स्थिति में है, इससे भी तय होना कि बाहर से उभार कैसा दिखता है।
आपका वजन- माँ का वजन बढ़ने का मतलब यह नहीं कि भीतर शिशु का वजन भी बढ़ा है।
आपकी ननद, भाभी या सहकर्मी की बजाय डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं कि शिशु का विकास कैसा हो रहा है क्योंकि वे लगातार आपके गर्भाशय व विकास पर नजर रखे हुए हैं। सिर्फ पेट देखकर ही शिशु के विकास का पता नहीं चलता। इसके लिए अल्ट्रासाउंड वगैरह, दूसरी मेडिकल जांच की भी जरूरत होती है। इसके शब्दों में, भीतर जो चल रहा है, उसका बाहर से अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।
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