तापसी पन्नू की फिल्म थप्पड़ को क्रिटिक्स ने खूब सराहा है। फिल्म की कहानी में तापसी एक ऐसी महिला के किरदार में हैं जिसने अपने पति की ग्रोथ के लिए अपने सपनों को किनारे कर दिया है, लेकिन एक दिन जब उसके पति ने बदले में उसे एक थप्पड़ मारा तो वो इस रिश्ते को खत्म कर देती है। फिल्म में एक थप्पड़ के जरिए समाज में और घरों में महिलाओं के साथ होने वाली भेदभाव या उसके अस्तित्व को गौण कर देने पर भी इस फिल्म ने बहुत ही सटीक तरीके से सवाल उठाए हैं। 
फिल्म पर सोशल मीडिया पर ट्रेलर के रिलीज़ के बाद से ही काफी बहस भी होती नज़र आई है। 

इसी फिल्म के प्रमोशन के दौरान तापसी ने कहा था कि जब लोग किसी भी फिल्म को लेकर विचार विमर्श करते हैं, तो समझिए कि ये फिल्म लोगों तक अपनी बात पहुंचा रही है। तापसी ने कहा था,  पिंक, मल्क, जैसी फिल्मों के बाद मुझे एहसास हुआ कि फिल्में हमें ताकत देती हैं। कि हम अपनी बात लोगों तक पहुंचाए। कभी-कभी हमें इस ताकत को सही दिशा में ले जाना चाहिए। तापसी ने ये भी कहा कि हमारे देश में लोग फिल्मी सितारों की पूजा करते हैं, वो हमें सुनते हैं, तो फिल्मों के माध्यम से उन तक नई सोच पहुंचाने की कोशिश की जानी चाहिए। रातों रात या चीखने से बदलाव नहीं आएगा, लेकिन लोग आपके काम को समझेंगे।
फिल्म थप्पड़ का निर्देशन अनुभव सिन्हा ने किया है और इसकी कहानी अनुभव ने मृणमयी लागू के साथ मिलकर लिखा है। फिल्म में तापसी के साथ पवैल गुलाटी मुख्य भूमिका में नज़र आए हैं।