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काश-गृहलक्ष्मी की कविता

गृहलक्ष्मी की कविता- काश कि सभी का मन हर पल भोला -भाला  सा रहतादुनिया में छल-कपट किसी के पास भी ना होता ।मिलजुल कर रहना हंसना-हंसाना ही स्वभाव में होता।काश कि मेरा ये सपना हकीकत में पूरा होता किन्तु, परन्तु काश कि ये सम्भव होता ।काश कि समय परिवर्तन से परिवार के सदस्यों का स्वभाव न बदलता।एक ही बगिया के फूलों जैसे भाई-भाई  में तकरार ना होती ।काश कि मुलायम मखमली […]

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