गृहलक्ष्मी की कविता- काश कि सभी का मन हर पल भोला -भाला सा रहतादुनिया में छल-कपट किसी के पास भी ना होता ।मिलजुल कर रहना हंसना-हंसाना ही स्वभाव में होता।काश कि मेरा ये सपना हकीकत में पूरा होता किन्तु, परन्तु काश कि ये सम्भव होता ।काश कि समय परिवर्तन से परिवार के सदस्यों का स्वभाव न बदलता।एक ही बगिया के फूलों जैसे भाई-भाई में तकरार ना होती ।काश कि मुलायम मखमली […]
