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भीनी-भावक की गाँव यात्रा-21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां चंडीगढ़

भीनी भले ही छोटी थी, मगर इतनी भी नहीं कि “कोरोना” के बारे में न जानती। अरे वो तो बारह साल की थी, इस नामुराद बीमारी के बारे में तो छोटे-छोटे बच्चे भी जान गए थे। ये बात और है कि बहुत से या यूँ कहे कि लगभग सभी बच्चे पहले-पहल तो बहुत खुश हुए […]

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