Posted inधर्म

निर्जला एकादशी: इसी व्रत से मिला था भीम को स्वर्ग

  ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी निर्जला एकादशी कहलाती है। अन्य माह की एकादशियों में फलाहार किया जाता है, परन्तु इसमें जल तक ग्रहण नहीं किया जाता। एक ओर ज्येष्ठ की भीषण गर्मी और दूसरी ओर साधक द्वारा निर्जल व्रत रखना। पूरा एक दिन बिना पानी के रहना भारतीय उपासना पद्धति में कष्ट […]

Posted inधर्म

सफलता का मंत्र: दान करें, खुशहाल रहें

भारतीय संस्कृति में दान का इतिहास काफी पुराना है। पूर्व काल में भी राजा-महाराजा प्रसन्नता के अवसरों पर दान करके अपनी खुशी अभिव्यक्त करते थे। दान करने से न केवल आत्मसंतुष्टि व किसी जरूरतमंद की आवश्यकता की पूरी होती है, अपितु आपके जीवन से अशुभता भी घटने लगती है। जानिए कैसे दें दान क्या है इसकी विधि व महत्त्व।

Posted inधर्म

कष्टों से मुक्ति चाहिए तो ऐसे करें निर्जला एकादशी का व्रत

शास्त्रों में कहा गया है –आत्मनं रथिनं विद्धि शरीररं रथमेव तु। बुद्धिं तु सारथि विद्धि येन श्रेयो हमाप्नुयाम। अर्थात् आत्मा को रथी जानो, शरीर को रथ और बुद्धि को सारथी मानों। इनके संतुलित व्यवहार से ही श्रेय अर्थात श्रेष्ठत्व की प्राप्ति होती है। इसमें इंद्रियों पर तथा मन पर लगाम होना भी अंतनिर्हित है। ऋषियों […]

Gift this article