12 साल के पुल्कित को अब ऑनलाइन क्लास लेते हुए छह महीने से ज्यादा हो चुके थे। वो रोज समय से पढ़ाई भी करने बैठ जाता था। लेकिन पढ़ने में टॉप रहने वाला पुल्कित परेशान रहने लगा था। उसका कहना था कि पहली बार उसे पढ़ने में दिक्कत आने लगी है, जबकि पढ़ना उसे बहुत पसंद रहा है। वो चाह कर भी ऑनलाइन क्लास के दौरान पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पा रहा था। वो तो बस मन लगाकर टीचर के कहे अनुसार सबकुछ समझ लेने की कोशिश कर रहा था लेकिन सबकुछ हो नहीं पा रहा था। अब ऐसे में उसकी की मां ने कुछ ऐसे टिप्स आजमाए, जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में ही असर दिखाना शुरू कर दिया है। ये बदलाव हैं, जिनके साथ पुल्कित ऑनलाइन क्लास में भी अच्छे से पढ़ाई कर रहा है। कौन से हैं ये टिप्स आइए जानें और ऑनलाइन क्लास से भी नॉर्मल क्लास जैसा ही ज्ञानवर्धन करें-
क्लास वाला माहौल-
बच्चा जब स्कूल जाता है तो क्लास में शांति बनाए रखने की सलाह दी जाती है। ऐसा न करने पर सजा भी मिलती है और खराब छात्र का टैग भी। इसलिए ज्यादातर बच्चे क्लास में शांत और अनुशासन में रहने की कोशिश करते हैं। जबकि घर पर लग रहीं ऑनलाइन क्लास में ऐसा नहीं होता है। घर के किसी भी कोने में बच्चे को बैठकर आप काम करने लगती हैं। फिर वो पढ़े या नहीं। इस दौरान उसे कोई डिस्टार्ब करे या नहीं आपको ध्यान नहीं देती हैं। ये गलत है। बच्चे को क्लास जैसी पढ़ाई करनी है तो क्लास जैसा माहौल भी देना होगा। बच्चे को ऐसी जगह बैठाएं, जहां शांति हो। ये ऐसी जगह भी होनी चाहिए, जो पढ़ने के लिए ही हो और वो रोज फिर वहीं बैठे। लेकिन ये जगह बहुत आरामदायक भी होनी चाहिए। 
ब्रेक बनता है-
जैसे नियम से पढ़ाई जरूरी है ठीक वैसे ही नियम से पढ़ाई से ब्रेक भी जरूरी है। अगर आप उसे लगातार क्लास लेने के बाद फिर से पढ़ने को कहेंगी तो उसको ये बहुत अच्छा नहीं लगेगा। ये बात भी सही है कि आप बच्चे के स्कूल जैसी पढ़ाई न हो पाने की वजह से चिंता में हैं और इसलिए ही आपा उसे पढ़ने के लिए कहती रहती हैं। लेकिन ब्रेक भी जरूरी है, बच्चा अगर स्कूल जा रहा होता तो भी उसे कुछ देर का ब्रेक मिलता है। क्लास के बीच में, छुट्टी के बाद, ऐसे कई मौके होते हैं, जब बच्चों को पढ़ाई से छुट्टी मिलती है। 
दोस्तों के साथ बातचीत-
स्कूल में होते हुए अक्सर बच्चे दोस्तों से बात करते हैं। मस्ती करते हैं लेकिन इस समय ये सब नहीं हो पा रहा है। ये भी ग्रूमिंग का एक जरिया है। इसलीर इस ग्रूमिंग को रोकिए नहीं। बच्चे मिल नहीं सकते तो वीडियो कॉल या फिर फोन पर बात करने दीजिए। भले ही कुछ देर के लिए लेकिन ऐसा कीजिए जरूर। अगर ये सब नहीं करेगा तो स्कूल की तरह ही पढ़ाई में मन नहीं लगा पाएगा और ऑनलाइन में तो बिलकुल भी नहीं। वो पढ़ाई से ऊबने भी सकता है।