एक हैट्रिक शेड्यूल लाइफ में अलग-अलग जगह पर जाकर ब्यूटी इंडस्ट्री की उपलब्धियों को जान पाना, उन्हें देख पाना मेरे लिए असंभव सा हो जाता है। ऐसे में मैं अपनी उत्सुकता को प्रदर्शनी यानि एक्ज़िबीशन के जरिए पूरा करती हूं क्योंकि यहां सारे जहां के उत्पाद एक छत के नीचे एक-साथ देखने को मिल जाते हैं।
हालांकि इन दिनों गूगल के जरिए आपको पूरी दुनिया की खबर एक जगह पर रहकर ही मिल जाती है लेकिन उसकी प्रामणकिता का अंदाज़ा तो उसे देख कर ही चल पाता है। ऐसे में प्रदर्शनियों का आयोजन कंफ्यूजन्स को दूर करने में सहायक होता है। दरअसल प्रदर्शनी में ग्राहक को विक्रेता से मिलने के लिए किसी प्रकार के अपॉइंटमेंट की आवश्यकता नहीं होती, यहां तो विक्रेता खुद ग्राहक की हर एक समस्या को दूर करने के लिए मौजूद होते हैं और उनसे सेवा का अवसर मांगते हैं। ऐसे में व्रिकेता और ग्राहक के बीच डॉयरेक्ट कम्यूनिकेशन के फुल चांस होते हैं जिस कारण ग्राहक के मन में शंका को कोई सवाल भी नहीं पैदा हो पाता है। इन फेयर्स में इंडस्ट्री से संबंधित नवीनतम जानकारी दी जाती है साथ ही नए-नए एक्यूपमेंट व मशीन आदि का भी डिस्पले दिखाया जाता है। बी टू बी वाले इन फेयर्स का मकसद आमतौर पर उद्यमियों के लिए बेहतर प्लेटफार्म तैयार करना होता है।
पिछले दिनों, मैं भी एक ऐसे ही एक फेयर में होकर आई हूं। कॉस्मोप्रॉफ, ये प्रदर्शनी साल में एक बार अलग-अलग समय पर दुनिया में केवल तीन जगह हांगकांग, लास वेगस और बोलोग्ना में आयोजित की जाती है। ये एक ऐसा ट्रेड ईवेंट हैं जहां ब्यूटी इंडस्ट्री से जुड़े सारे सेक्टर जैसे पैकेजिंग, कॉन्ट्रेक्ट, मैनुफैक्चरिंग, कॉस्मेटिक्स, पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स, ब्यूटी, स्पा, हेयर और नेल्स आदि डिपार्टमेंट्स एक-साथ कुछ दिनों के लिए एक जगह पर एकत्रित होते हैं।
सिर्फ कॉस्मोप्रॉफ ही नहीं बल्कि समय-समय पर दुनिया भर में ऐसे कई ईवेंट आयोजित किए जाते हैं जो ब्यूटी इंडस्ट्री की दिन-दुगनी तरक्की के पीछे जो क्रीएटीवटी व मेहनत छिपी है, उसको प्रदर्शित करते हैं। मैं भी ऐसे ईवेंट्स या फेयर आदि के जरिए सौंदर्य से संबंधित उपकरण, मशीन, प्रोडक्ट्स आदि के बारे में केवल जानकारी ही नहीं प्राप्त करती बल्कि उसका डिमॉन्सट्रेशन देखती हूं, उसे छू कर फील करती हूं व उसके सब्सीट्यूट की रेंज से उसके दाम की तुलना भी करती हूं। और सिर्फ मैं ही क्यों दुनिया के सभी उद्योगपति ब्यूटी के इस वर्ल्ड वाइड नेटवर्क का भरपूर लाभ उठाते हैं।
यूं तो नेशनल स्तर की एक्जिबीशंस हमारे देश भी काफी समय से हो रही है, मगर पिछले कुछ सालों से यहां के भी फेयर्स में इंटरनेशनल कंपनियां भाग ले रही हैं। पर फिर भी मुझे ऐसा लगता है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के होने वाले ऐसे ईवेंट में एक तो ब्यूटी का सेक्शन ही छोटा होता है और दूसरा विदेशी कंपनियां भी काफी कम होती हैं। इन कंपनियों की गिनती कम होने के पीछे एक तो कारण ये हैं, कि हमारे देश में व्यापार के मकसद से आने वाली बाहरी कंपनियों को भारत सरकार की कई औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती है, जिस कारण ये कंपनियां यहां आने से पीछे हट जाती हैं।
वहीं दूसरी तरफ विदेशी समान की कीमत बहुत ज्यादा होने की वजह से उन्हें हमारे देश में प्रॉपर क्लाइन्टेज नहीं मिल पाती है। जबकि अगर देखा जाए तो इंडिया में पार्लर व सैलून की गिनती बाहरी देशों की तुलना में कहीं ज्यादा है लेकिन महंगा प्रोडक्ट यूज़ करने वालों की गिनती काफी कम है। और अगर कोई समर्थ है भी, तो वो इतने कम ऑप्शंस के साथ भला क्यों समझौता करें। वैरायटी की वास्ट रेंज देखने के लिए वो विदेशों में होने वाले फेयर्स की ओर अपना रूख कर लेता है। शायद इसी वजह से यहां आने वाली इन कंपनियों को अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिल पाता है।
