इस दुनिया में दो-तीन अरब लोग हैं। चार-छ: अरब आंखें हैं। एक अंधे आदमी की दो आंखों का जो मूल्य है, वह छ: अरब आंखों का नहीं है। मैं आपसे यह कहना चाहूंगा। अपने भीतर श्रद्घा की जगह विवेक को जगाने के उपाय करने चाहिए और विवेक को जगाने के क्या नियम हो सकते हैं, उस संबंध में थोड़ी-सी बात आपसे कहूं।
