Posted inहिंदी कहानियाँ

ढक्कन तो है ही नहीं

बात बहुत पुरानी है। मेरा प्यारा भतीजा पंकज बचपन में बहुत प्यारी-प्यारी बातें किया करता था। एक दिन उसे हर थोड़ी देर में बाथरूम जाना पड़ रहा था। उस समय उसे अपनी पेंट खोलने और बंद करने में दिक्कत होती थी। वो हर बार अपनी आया से सू-सू करवाने के लिए ले जाने को कहता था। आया बार-बार […]

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