शिशु को सुरक्षित तरीके से नहलाएं
नवजात शिशु बहुत छोटा होता है और उसके शारीरिक अंगों का आकार भी बहुत छोटा होता है। साथ ही त्वचा भी बहुत नाजुक होती है इसलिए नहलाते वक्त बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। आइए जानें कि नहलाते समय इन बातों का ध्यान रखें-
- नवजात शिशु को रोज नहलाने की जरूरत नहीं है, आप उसको स्पंज बाथ भी करा सकती हैं। लेकिन अगर उसे नहाने में मजा आता है तो नहलाने में कोई खराबी भी नहीं हैं।
- नहलाने से पहले उसके शरीर की पूरी मालिश करें। ताकि उसका शरीर मजबूत हो और नहलाते समय उसे ठंड ना लगे।
- नहलाते समय नाभि का ध्यान रखें। जब तक गर्भनाल पूरी तरह से सूखा ना हो, तब तक बच्चे को केवल गुनगुने पानी से ही साफ करें।
- शिशु को फीड कराने के एकदम बाद या जब वो भूखा हो या जब उसे नींद आ रही हो, तब ना नहलाएं।
- नहलाने से पहले कमरे का तापमान जरूर देख लें कि बहुत ज्यादा गर्म और बहुत ज्यादा ठंडा ना हो, मतलब साधारण रहे।
- नहाने की जरूरत की चीजें जैसे- टॉवल, साबुन व नैपी आदि को अपने पास रखें ताकि बीच में आपको किसी भी सामान के लिए उठना ना पड़े।
- पानी हमेशा हल्का गर्म इस्तेमाल करें। इसके लिए आप अपने हाथ या कोहनी से पानी को चेक करें और अच्छे से पानी को मिला लें ताकि पानी का सही तापमान पता चल सके।
- शिशु को बहुत ही आराम से बाथ टब में डालें और सिर और कंधे को हाथ का सहारा देकर पकड़ें।
- नहाने के पानी में कोई भी लिक्विड क्लीनर नहीं डालें, बल्कि साफ पानी से नहलाएं।
- टब में नहाने का इतना पानी लें, जिससे बच्चे की कमर तक पानी रहे।
- नहलाने से पहले बच्चे के दोनों कानों में रुई लगा दें, ताकि पानी कान में ना जाए।
- कभी भी सिर पर सीधा पानी ना डालें बल्कि अपने दूसरे हाथ से हल्के से ऊपर से पानी डालें।
- चेहरा हमेशा बिना साबुन के सामान्य पानी से धोएं। क्योंकि शुरूआती हफ्तों में बच्चे के चेहरे पर लाल रंग के रेशे होते हैं, जिनको रोजाना साफ पानी से धोने से यह ठीक हो जाते हैं।
- मुंह या कान को अंदर से धोने की जरूरत नहीं है। कान को पीछे की तरफ से धोएं जहां मुंह से निकला हुआ दूध जाता है।
- आंखों को हल्के हाथों से धोएं।
(एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, फरीदाबाद के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल बत्रा से बातचीत के आधार पर)