वृश्चिक राशिफल- Vrishchik Rashifal 2023- 8 February To 15 February
Scorpio Horoscope 2023

तो विशाखा‒1

ना, नी, नू, ने अनुराधा‒4

नो, या, यी, यू ज्येष्ठा‒2


8 फरवरी से 15 फरवरी तक

दिनांक 8 को करियर सम्बंधी क्रियाकलापों को आगे बढ़ाएंगे। बड़ों का दिल ना दुखा, उनका सम्मान करें एवं आशीर्वाद प्राप्त करें। 9, 10, 11 को समय अच्छा है। ईष्ट मित्रों व रिश्तेदारों के लिए आप समय निकालेंगे। स्थितियां काफी हद तक आपके पक्ष में रहेंगी। आप कोई नई उपलब्धि हासिल कर लेंगे। अपनी खुशमिजाजी व विनम्रता के कारण आप सुकून महसूस करेंगे तथा लोग आपके करीब आएंगे। किये गए काम का परिणाम आपके पक्ष में आएगा। रुपयों की आवक खुलेगी। 12, 13 को आप शादी समारोह में शिरकत करेंगे। पारिवारिक झगड़ों के कारण मन अशांत रह सकता है। अपरिचित व अनजान व्यक्तियों से व्यवहार करने से पूर्व अच्छी तरह से सोच लें। जल्दबाजी में काम का बिगाड़ होगा। 14, 15 को खर्च पर नियन्त्रण रखना होगा। आप अपने बॉस की चमचागिरी करेंगे जिसका फल आपको आगे चल कर मिलेगा।


ग्रह स्थिति

मासारंभ में बुध धनु राशि का द्वितीय भाव में, सूर्य मकर राशि का तृतीय भाव में, शुक्र+शनि कुम्भ राशि का चतुर्थ भाव में, बृहस्पति मीन राशि का पंचम भाव में, राहु मेष राशि का षष्ठम भाव में, चन्द्रमा+मंगल वृषभ राशि का सप्तम भाव में, केतु तुला राशि का बारहवें भाव में स्थित है।

वृश्चिक राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें

2023शुभ तारीख़ेंसावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें
जनवरी13, 14, 18, 19, 21, 225, 6, 7, 15, 16, 24, 25
फरवरी9, 10, 14, 15, 18, 191, 2, 3, 12, 13, 20,
21] 28
मार्च8, 9, 13, 14, 17, 181, 2, 3, 11, 12, 20,
21, 28, 29, 30
अप्रैल4, 5, 6, 9, 10, 11, 13, 147, 8, 16, 17, 24, 25, 26
मई2, 3, 7, 8, 11, 12, 29, 305, 13, 14, 22, 23
जून3, 4, 7, 8, 25, 26, 271, 2, 9, 10, 11, 18,
19, 20, 28, 29
जुलाई1, 2, 4, 5, 23, 24, 28, 297, 8, 15, 16, 17, 26
अगस्त1, 2, 19, 20, 24, 25,
28, 29
3, 4, 11, 12, 13, 22,
23, 31
सितम्बर15, 16, 17, 21, 22, 24,
25
1, 8, 9, 10, 18, 19,
27, 28
अक्टूबर12, 13, 14, 18, 19, 22, 235, 6, 7, 15, 16, 24, 25
नवम्बर9, 10, 14, 15, 18, 191, 2, 3, 12, 13, 21,
22, 29, 30
दिसम्बर6, 7, 8, 11, 12, 13, 15,
16
1, 9, 10, 18, 19, 26,
27, 28

वृश्चिक राशि का वार्षिक भविष्यफल

Vrishchik Rashifal 2023
वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह साल चुनौतियों से परिपूण रहेगा। हालांकि वर्षारंभ में राशिपति मंगल आपकी राशि को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है, अतः आपको ऊर्जावान व क्रियाशील बनाए रखेगा। इस साल आप पहले की अपेक्षा कहीं ज्यादा मेहनत करेंगे। जिसका प्रभाव कहीं न कहीं आपके स्वास्थ्य पर पड़ेगा। इस वर्ष 17 जनवरी के बाद से शनि आपकी राशि से चौथे स्थान में आकर शनि की ढैय्या आरम्भ करेंगे। अतः इस साल स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता रहेगी। ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट डिजीज जैसी दीर्घकालिक बीमारियों में नियमित परीक्षण करवाते रहें। पहले से जिस रोग की स्थिति चली आ रही है उसमें भी बार-बार समस्याएं उत्पन्न होंगी। इधर मौसम में बदलाव से मौसमी बीमारियां भी आपको जल्द ही गिरफ्त में ले लेंगी। कमर के नीचे का रोग, पैर का रोग भी आपको परेशान कर सकता है, नियमित रूप से पैदल चलें, योग-व्यायाम जैसी चीजों को अपनी दिनचर्या, जीवन का हिस्सा बनाएं।
इस वर्ष आप पहले से अधिक ऊर्जावान व जोश से लबरेज रहेंगे। मेहनत भी खूब करेंगे। धन कमाएंगे भी लेकिन खर्चा भी जमकर ही होगा। कुछ अप्रत्याशित खर्च भी होंगे। स्वास्थ्य पर अस्पताल पर खर्चा हो सकता है। घर के किसी सदस्य के स्वास्थ्य को लेकर आपको अस्पताल के चक्कर काटने पड़ेंगे। व्यापार में नए-नए प्रयोग अमल में लाएंगे। नई तकनीक, नई स्टाइल व नया हुनर का प्रयोग करेंगे। व्यापार में विस्तार सम्बन्धी कुछ नवीन आईडियाज भी आएंगे, जिसका प्रयोग व उपयोग आपको त्वरित लाभ भी देगा। आर्थिक रूप से धन की आई-चलाई रहेगी। नौकरी में वातावरण अच्छा रहेगा। कभी-कभार बॉस व अधिकारी से छोटी-मोटी बातों पर, रोजमर्रा की बातों पर तनाव व रस्सा-कस्सी की स्थिति बनेगी। सहकर्मी आपके काम में आपको सहयोग करेंगे। हालांकि काम के मामले में आप सभी से आगे रहेंगे। आपके शत्रु व प्रतिद्वन्द्वी भी आपके काम की प्रशंसा करेंगे। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य कामों में वक्री शनि के कारण अवरोध पैदा होंगे। कोई षड्यंत्र या गुप्त योजना आपके विरुद्ध कारित हो सकती है।
इस वर्ष 22 अप्रैल तक बृहस्पति पंचम स्थान में स्वग्रही रहेंगे। विद्यार्थी अपनी पढ़ाई व अध्ययन पर फोकस करेंगे। परन्तु 22 अप्रैल के पश्चात छठे गुरु के कारण कहीं न कहीं अध्ययन से भटकाव हो सकता है। प्रतिफल इतने ठोस व सकारात्मक नहीं मिलेंगे। विषय का चयन कॉलेज में दाखिला आदि को लेकर मन में असमंजस व अनिर्णय बना रहेगा। छठे भाव में चन्द्रमा राहु की युति के कारण षड्यंत्र भी आपके विरुद्ध सक्रिय रहेंगे। रुपयों-पैसों व लेन-देन के मामले में सावधानी रखने की आवश्यकता है। वाणी व क्रोध पर नियंत्रण रखें। 22 अप्रैल, 2023 के बाद छठा गुरु शोक का कारक है, किसी निकट रिश्तेदार या खास व्यक्ति के साथ कोई अनहोनी या हादसा हो सकता है। अकारण चिंताएं हावी होंगी। वर्षारम्भ में चंद्रमा+राहु की युति के कारण कई बार मन में निराशाजनक व नकारात्मक विचार आएंगे।
रुपयों-पैसों से सम्बंधित मामलों में आपको सावधान रहना चाहिए। किसी को रुपया उधार नहीं दें। आपकी बढ़ती हुई लोकप्रियता व प्रतिष्ठा आपके शत्रुओं को विचलित व डावांडोल कर सकती है। आपको अपना काम पूरी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा व गंभीरता से करना चाहिए। दो नम्बर के अनुचित कार्यों को फिलहाल बंद रखें, अन्यथा आप ट्रैप भी हो सकते हैं। विभागीय परीक्षा, नौकरी के लिए दी गयी परीक्षा, प्रतियोगी परीक्षा का परिणाम पक्ष में आएगा। व्यापार में लचीला रुख व उदारवादी दृष्टिकोण हानि का कारण बन सकता है।

वृश्चिक राशिकैसी रहेगी 2023 में आपकी सेहत?

इस वर्ष शारीरिक स्वास्थ्य में वर्ष पर्यंत उतार-चढ़ाव रहेंगे। शनि महाराज चौथे स्थान में रहेंगे। गंभीर व घातक बीमारी के योग बने हुए हैं। अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। नियमित रूप से योग, व्यायाम, शारीरिक श्रम, प्राणायाम, खान-पान व दवाइयों का ध्यान रखें। इसे अपनी दिनचर्या व जीवन का हिस्सा बना लें। रक्तचाप, मधुमेह व हृदय सम्बन्धी बीमारियों में लापरवाही घातक रहेगी। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि की वक्र गति वाहन द्वारा क्षति करवा सकती है। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। वाहन अधिक गति में नहीं चलावें। 4 सितम्बर से 31 दिसम्बर के मध्य वक्री गुरु के कारण परिवार के किसी सदस्य का स्वास्थ्य गड़बड़ा सकता है।

वृश्चिक राशिव्यापार, व्यवसाय व धनके लिए कैसा रहेगा आने वाला साल 2023 ?

कारोबार व कर्म में चुनौतियां तो रहेंगी। परन्तु हर मुश्किल हर चुनौती का मुकाबला बड़ी ही निडरता व मजबूती से करेंगे। इस साल परिस्थितियां काफी विरोधाभासी रहेंगी। आप अपनी क्षमताओं व योग्यता का भरपूर इस्तेमाल करेंगे। आपका मुनाफा बढ़ जाएगा। परन्तु साथ ही साथ खर्च में भी बेतहाशा बढ़ोतरी होगी। पैसा पास में टिक नहीं पाएगा। आपका पूरा फोकस मार्कटिंग पर रहेगा, लेकिन फिर भी चीजें हाथ से फिसलती हुई नजर आएंगी। चन्द्रमा राहु की छठे स्थान में स्थिति के कारण व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वी व प्रतिस्पर्धी आपके सामने बड़ा लक्ष्य रख देंगे। जिसे पार करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। कारोबार में विस्तार की योजनाएं तो बनेंगी, परन्तु उसे कार्य रूप में परिणित करने के लिए आपको काफी पापड़ बेलने पड़ेंगे। व्यापार में नया अनुबंध सोच-विचार कर अमल में लायें, किसी दस्तावेज व कागज पर हस्ताक्षर करने से पहले अच्छी तरह से पढ़ लें। भूमि, वाहन, भवन फ्लैट आदि की खरीद की योजना बनेगी। इस वर्ष व्यापार में कुछ कानूनी पेचीदगी भी पेश आ सकती है, इसके लिए आप किसी विधिक विशेषज्ञ से सलाह-मशविरा कर सकते हैं। 17 जनवरी से 4 नवम्बर के मध्य वक्री शनि के कारण कोई बड़ा ऑर्डर या कॉट्रेक्ट हाथ से निकल सकता है। क्वालिटी कंट्रोल पर भी पूरी नजर रखें। हल्की सी चूक से बड़ा नुकसान हो सकता है। अतिविश्वास में आपके साथ कोई आर्थिक चोट या धोखा-ध ड़ी हो सकती है। सेल्समैन, इन्कमटैक्स जी.एस.टी. या उच्च सरकारी विभाग से सम्बंधित परेशानी पेश आ सकती है। इस साल घर में किसी इलेक्ट्रोनिक उत्पाद की खरीद कर सकते हैं। व्यापार में किसी ग्राहक या पार्टी के साथ हल्की-फुल्की नोंक-झोंक या विवाद हो सकता है। फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है।ार में इस वर्ष नवीन उपलब्धियां रहेंगी। आप जमकर मेहनत करेंगे। पिछले साल जो नुकसान की स्थिति रही है, कहीं न कहीं उसकी भरपाई करने का विचार रहेगा। इस वर्ष शनि तीसरे स्थान में स्वगृही है, किसी बड़े व प्रभावशाली व्यक्ति से मुलाकात होगी तथा उससे आपके कामकाज को नई दिशा मिलेगी। आप पूरी ऊर्जा और पूरे जोश से अपने काम के प्रति समर्पित रहेंगे। मेहनत व परिश्रम के पश्चात् सफलताएं साफ रूप से दृष्टिगोचर हो रही हैं। व्यापार में नई तकनीक, नए हुनर व नया प्रयोग आपके काम को शिखर पर पहुंचा देगा। कर्मचारी व अधीनस्थ व्यक्ति भी आपके प्रति पूर्ण रूपेण समर्पित रहेंगे। हालांकि भागीदार व पार्टनर के कार्यकलाप व गतिविधि पर नजर आवश्यक है। इस वर्ष वर्षारंभ में मंगल अपनी ही राशि में चलायमान हैं। अतः कामकाज में मेहनत व परिश्रम अधिक रहेगी। जो रुपया पिछले काफी समय से रुका हुआ था, उसके प्राप्त होने का योग भी इस साल के अंत में बन रहा है। निवेश से पूर्व सावधानी व सतर्कता आवश्यक है। नौकरी में आपका दबदबा व रुतबा बरकरार रहेगा। सहकर्मी व अधीनस्थ भी आपकी कार्यशैली के कायल रहेंगे। प्रमोशन व पदोन्नति के योग बन रहे हैं। आपके आय के साधनों में वृद्धि होगी। व्यावसायिक प्रतिद्वंदियों व प्रतिस्पर्धियों के सामने आप बहुत बड़ा लक्ष्य रख देंगे। सम्पत्ति व धन के रख-रखाव पर खर्चा होगा। आर्थिक रूप से आप इस वर्ष सक्षम रहेंगे।

जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका घर-परिवार, संतान व रिश्तेदार के साथ सम्बन्ध ?

आप यह महसूस करेंगे कि हर परिस्थिति में परिवार का हर सदस्य आपके साथ कंधे से कन्धा मिलाकर साथ में खड़े हैं। वर्षारम्भ में सातवें स्थान में मंगल की स्थिति है। अतः दाम्पत्य सम्बन्धों में जरूर कभी-कभार कड़वाहट या मतभेद का जहर घुल सकता है। स्वभाव में उद्विग्नता रहेगी, जिसका प्रभाव पारिवारिक जीवन पर पड़ेगा। पांचवें स्थान में बृहस्पति के कारण संतान सम्बन्धी चिंता, करियर, विवाह सम्बन्धी चिंता का समाधान होगा। जीवन साथी आपकी भावनाओं को समझकर उसके अनुरूप आचरण व व्यवहार करेंगे। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य वक्री शनि के कारण घर के किसी वरिष्ठ सदस्य, माता-पिता व रिश्तेदार का स्वास्थ्य गड़बड़ हो सकता है। परिवार के लोग भी अपने-अपने खर्चों में कटौती करके आपको सहायता व सहयोग करेंगे। ससुराल वालों से 23 जुलाई से 4 सितम्बर के मध्य मतभेद रहेंगे। स्त्री जातकों का जेठानी, ननद व सास से कहासुनी या बोलचाल हो सकती है।

जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका विद्याध्ययन, पढ़ाई व करियर ?

अध्ययन व करियर की दृष्टि से 22 अप्रैल तक का समय तो अनुकूल है, आप गम्भीरता व संजीदगी से लक्ष्य की दिशा में जुट जाएंगे। करियर में काम की अधिकता रहेगी। नौकरी में वातावरण इतना अनुकूल नहीं रहेगा। आप नए अवसरों को तलाशने की दिशा में काम शुरू करेंगे। बॉस व सहकर्मी से व्यवहार सामान्य ही रहेगा। मेडिकल, लीगल से जुडे विद्यार्थियों के लिए ग्रह स्थिति ठीक है। आपकी योग्यता व क्षमताएं खुलकर लोगों के सामने आएंगी। विभागीय परीक्षा, करियर सम्बन्धी परीक्षा इंटरव्यू आदि का परिणाम पक्ष में आएगा। नौकरी में आपको ज्यादा सावधान व सतर्क रहना चाहिए। 17 जून से 4 वम्बर के मध्य अपरिचित लोगों से रुपयों-पैसों का व्यवहार करने से बचें। आप किसी साजिश, गुप्त योजना या षड्यंत्र का शिकार हो सकते हैं। आपको ट्रैप किया जा सकता है। विद्यार्थियों को प्रेम-प्रसंगों से उचित दूरी बना कर ही रहना चाहिए। विद्याध्ययन में बेहतर फलों की प्राप्ति के लिए ‘ॐ विद्यानिधये नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए।

जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपके प्रेम-प्रसंग व मित्रता सम्बन्घ ?

इस वर्ष प्रेम-प्रसंगों में ग्रह स्थिति के अनुसार साल के पूर्वार्द्ध (आरम्भिक छः माह) में सफ. लता दृष्टिगोचर हो रही है। प्रेम प्रस्ताव प्राप्त होंगे। परन्तु प्रेम सम्बन्धों के विषय में बहुत ध्यान रखने की जरूरत है। गुप्त प्रेम सम्बन्ध उजागर हो सकता है, जिससे आपकी छवि व प्रतिष्ठा पर गहरा आघात लग सकता है। सीमाविहीन व अमर्यादित प्रेम सम्बन्धों से बचना चाहिए। जरूरतमंद मित्र की सहायता के लिए आप तत्पर रहेंगे। मित्रों की भीड़ में सही व सच्चे मित्र आपको मिल जाएंगे।

जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपकेवाहन, खर्च व शुभ कार्य?

वर्षारम्भ में मंगल आपकी राशि को देख रहे हैं। अतः इस वर्ष नवीन वाहन का योग बन रहा है। 16 नवम्बर के बाद वाहन के योग और प्रबलता से बन रहे हैं। जब राशिपति स्वयं आपकी राशि में ही गोचरवश परिभ्रमण करेंगे। जहां तक शुभ कार्य व मांगलिक प्रसंग की बात है, इस वर्ष के अंत में घर-परिवार में किसी मांगलिक प्रसंग व शुभ आयोजन की स्थिति रहेगी। परिवार के किसी सदस्य से सम्बन्धित शुभ आयोजन हो सकता है। खर्च की प्रबलता रहेगी। शनि की ढैय्या का प्रभाव वर्ष पर्यंत है, अतः कहीं न कहीं खर्चों को नियमित करने की आवश्यकता है। फिजूलखर्ची पर नियंत्रण कर आप अपनी आर्थिक स्थिति को संतुलित कर सकते हैं। वाहन चलाते समय मोबाइल नहीं चलाएं तथा पीकर वाहन नहीं चलाएं, अन्यथा आप दुर्घटना को निमंत्रण दे सकते हैं।

वृश्चिक राशि वाले कैसे बचेहानि, कर्ज व अनहोनी से?

व्यापार में धन हानि के योग हैं। वर्ष पर्यंत 30 अक्टूबर तक राहु छठे स्थान में रहेंगे। अतः रुपयों-पैसों के मामले में किसी पर अधिक विश्वास हानि का कारण बन सकता है। भागीदार व कर्मचारी की गतिविधि पर नजर रखें, आपकी व्यापारिक सूचनाएं व अन्य जानकारियां लीक हो सकती हैं। भूमि, भवन, वाहन आदि की खरीद के लिए ऋण लेना पड़ सकता है। जो बाद में धीमे-धीमे चुकता भी हो जाएगा। वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं। मई से जुलाई के मध्य किसी अनहोनी की आशंका व सम्भावना है। कर्क राशि का मंगल धनहानि की स्थिति भी मई से जुलाई के मध्य रखेगा। आपके हाथों से कोई ऐसा काम होगा, जिससे बदनामी या अपयश हो सकता है।

जानिए कैसा रहेंगे 2023 मेंआपका यात्रा योग?

इस वर्ष 30 अक्टूबर तक यात्राओं की स्थिति छठे राहु के कारण रहेगी। परिवार के साथ घूमने-फिरने या तीर्थ यात्रा का कार्यक्रम बना सकते हैं। जहां तक काम-काज व व्यापार से सम्बन्धित यात्राओं का प्रश्न है, कोई खास उपलब्धि नहीं नजर आएगी

कैसे बनाये वृश्चिक राशि वाले 2023 को लाभकारी ?

वर्ष की शुभता बढ़ाने के लिए मूंगा 4/4 रत्ती का (त्रिकोणा) अनामिका अंगुली में ताम्बे में जड़वाकर धारण करें। मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर के दर्शन करें। बंदरों को गुड़-चने खिलाएं। अनार के पौधे को नित्य सींचें। हनुमान चालीसा या संकटमोचन स्त्रोत्र का नित्य पाठ करें।

वृश्चिक राशि की चारित्रिक विशेषताएं

आपकी राशि का स्वामी मंगल है। मंगल पुरुषार्थ व परिश्रम को परिलक्षित करता है। मंगल से प्रभावित जातक साहसी, कर्मठ, परिश्रमी व जुझारू प्रवृत्ति का होता है, ऐसा व्यक्ति परिस्थितियों की मार के सामने भी कभी नहीं झुकता है। मंगल तेजोमय व अग्नि तत्त्व प्रधान है। इसका प्राकृतिक स्वभाव दंबंग, क्रोध युक्त, दंभी, हठी, दृढ़ प्रतिज्ञ व स्पष्टवादी पुरुषों का प्रजनन है।
वृश्चिक राशि का राशि चिह्न ‘डंकदार बिच्छू’ है। बिच्छू के करीब 21 नेत्र शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों पर होते हैं। इसलिए इस राशि का जातक किसी वस्तु का समस्त अवलोकन करने के बाद विषय की बारीकी को सहज ही पकड़कर अपने काम की वस्तु उसमें से ग्रहण कर लेता है। बिच्छू बड़ा ही तेज स्वभाव का व शीघ्र डंक मारने वाला प्राणी है। ऐसे व्यक्ति दूसरों की असावधानी से शीघ्र फायदा उठाने के लिए तत्पर रहते हैं। इस राशि में उत्पन्न व्यक्तियों के पूर्वार्द्ध साधारण तथा जीवन के अंतिम दिनों में भरे-पूरे व सर्व प्रभुत्व-संपन्न बन जाते हैं।
वृश्चिक राशि स्त्री जाति सूचक, जल तत्त्व प्रधान व रात्रि बली होती है। इस राशि के जातक रात्रि में अधिक शक्तिशाली हो जाते हैं। यदि आप क्रोधित हो जाएं, तो फिर आप क्षमा करना नहीं जानते। मन में क्रोधाग्नि भीतर-ही-भीतर धधकती रहती है। यद्यपि बाहर से ज्ञात होता है कि आप शांत हो गए, परन्तु प्रतिहिंसा की भावना आपके अंदर और भी भयानक रूप धारण कर लेती है। आप प्रतिद्वंद्वी को निर्दयता से हानि पहुंचाने की चेष्टा करते हैं। ये शत्रु को धर दबोचने वाले, झगड़ालू व उन्मत व्यवहार के व्यक्ति होते हैं।
सामान्यता इस राशि में उत्पन्न जातक स्वस्थ एवं बलवान होते हैं तथा परिश्रम एवं लगन के द्वारा अपने शुभ एवं महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न करके उनमें सफलता अर्जित करते हैं। इनको विभिन्न विषयों का ज्ञान होता है तथा एक विद्वान के रूप में इनकी छवि रहती है। कुल या परिवार में ये श्रेष्ठ रहते हैं तथा मित्र एवं बंधु वर्ग के मध्य सम्माननीय रहते हैं। आत्मशक्ति की इनमें प्रबलता रहती है। इनकी महत्त्वाकांक्षा भी तीव्र होती है। धन-संग्रह के प्रति इनकी रुचि रहती है तथा धनार्जन में नैतिक सीमा का अनुपालन कम ही करते हैं। इनमें अल्प भावुकता रहती है तथा बुद्धि के द्वारा ही अधिकांश कार्यों को संपन्न करते हैं, साथ ही विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र में ये ख्याति अर्जित करते हैं।
अतः इसके प्रभाव से आप स्वस्थ एवं बलवान पुरुष होंगे तथा स्वपराक्रम एवं परिश्रम से सांसारिक कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। इससे आपके उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे तथा जीवन में धनैश्वर्य, वैभव एवं सुख-संसाधनों को अर्जित करके सुखपूर्वक इनका उपभोग करेंगे। आप में निर्भयता तथा लग्नशीलता का भाव भी विद्यमान होगा। फलतः कार्यक्षेत्र में प्रभावशाली होंगे तथा उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होंगे।
आप एक महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होंगे तथा अपनी महत्त्वाकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए सर्वदा प्रयत्नशील रहेंगे। धन-संग्रह के प्रति भी आपकी रुचि रहेगी, परन्तु इससे आपके समीपस्थ लोग यदा-कदा असुविधा की अनुभूति करेंगे। भावुकता से आप जीवन में कम ही कार्य करेंगे, फलतः प्रसन्नतापूर्वक अपना समय व्यतीत करेंगे।
आप एक सहनशील स्वभाव के व्यक्ति होंगे तथा धैर्यपूर्वक अपने सांसारिक कार्यकलापों को सम्पन्न करके उनमें वांछित सफलता प्राप्त करेंगे। सरकार या उच्चाधिकारी वर्ग से आप नित्य आर्थिक लाभ अर्जित करेंगे तथा इनसे आपको सहयोग भी मिलता रहेगा, जिससे आपके अन्य कार्य भी यथासमय सिद्ध होंगे।
आपके स्वभाव में दया एवं उदारता का भाव भी विद्यमान होगा तथा अवसरानुकूल अन्य जनों को सुख-दुःख में सेवा तथा सहयोग प्रदान करेंगे। इससे अन्य लोग आपसे प्रसन्न तथा संतुष्ट रहेंगे। साथ ही सत्कर्मों को करने में आपकी रुचि रहेगी तथा यत्नपूर्वक उन्हें सम्पन्न करके मान-सम्मान एवं यश में अभिवृद्धि करेंगे।
धनैश्वर्य एवं भौतिक सुखों के प्रति आपके मन में तीव्र लालसा रहेगी तथा इनकी प्राप्ति में आप अत्यधिक परिश्रम एवं पराक्रम का प्रदर्शन करेंगे।
धर्म के प्रति आपके मन में श्रद्धा रहेगी तथा समय-समय पर धार्मिक कार्यकलापों या तीर्थ-यात्राओं को मानसिक शांति के लिए सम्पन्न करेंगे। मित्र वर्ग में भी आप श्रेष्ठ एवं आदरणीय रहेंगे तथा उनसे इच्छित लाभ एवं सहयोग प्राप्त करेंगे। इस प्रकार आप परिश्रमी, संग्रहकर्ता एवं महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होंगे तथा धनैश्वर्य से युक्त होकर अपना समय व्यतीत करेंगे।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘विशाखा नक्षत्र’ के चतुर्थ चरण में हुआ है और आपका नाम ‘तो’ अक्षर पर है, तो आपका जन्म 16 वर्षों वाली बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-व्याघ्र, गण-राक्षस, वर्ण-शूद्र, युज्जा-मध्य, हंसक-वायु, नाड़ी-अन्त्य, वश्य-द्विपद, पाया-तांबा, वर्ग-सर्प है। विशाखा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति सौम्य होते हैं तथा अपने शत्रुओं का सफाया बड़ी चतुरता से करते हैं।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘अनुराधा नक्षत्र’
(ना, नी, नू, ने) में है, तो आपका जन्म 19 वर्ष वाली शनि की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मृग, गण-देव, वर्ण-विप्र, युज्जा-मध्य, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, योनि-सर्प है। अनुराधा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति गुप्त व्यसनों के आदी होते हैं। फिर भी अपने बुद्धि-चातुर्य से बहुत अधिक धन अर्जित करते हैं।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘ज्येष्ठ नक्षत्र’ (नो, या, यी, यू) में है, तो आपका जन्म 17 वर्ष वाली बुध की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मृग, गण-राक्षस, वर्ण-विप्र, युज्जा-अन्त्य, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, योनि प्रथम चरण की-सर्प एवं बाकी तीनों चरण की-हिरण है। ज्येष्ठ नक्षत्र को ‘गण्डमूल’ कहा गया है। इसमें जन्मे व्यक्ति बहुत तेजस्वी तथा अत्यधिक पराक्रमी होते हैं।
बिच्छू की आयु कम होती है, अतः वृश्चिक राशि वाले अल्पायु को प्राप्त होते देखे गए हैं। अचानक आक्रमण, दुर्घटना तथा घटनाचक्र के मोड़ से यह शीघ्र ही काबू में आ जाते हैं। इनको प्रायः तिक्त (खट्टा) स्वाद पसंद होता है तथा खाना खाते वक्त नींबू का प्रयोग ज़्यादा करते हैं।

वृश्चिक राशि वालों के लिए उपाय

4 1/4 रत्ती का मूंगा ‘मंगल यंत्र’ से जड़वाकर धारण करें। बंदरों को भोजन व फल खिलाएं। मंगलवार को हनुमानजी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं। ताम्रपात्र में रात्रि में जल भरकर रखें व प्रातःकाल उस जल को पिएं। लाल रंग का सुगन्धित रुमाल पास में रखें।

वृश्चिक राशि की प्रमुख विशेषताएं

  1. राशि ‒ वृश्चिक
    1. राशि चिह्न ‒ बिच्छू
    2. राशि स्वामी ‒ मंगल
    3. राशि तत्त्व ‒ जल-तत्त्व
    4. राशि स्वरूप ‒ स्थिर
    5. राशि दिशा ‒ उत्तर
    6. राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री
    7. राशि जाति ‒ ब्राह्मण
    8. राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, कफ प्रकृति
    9. राशि का अंग ‒ पीठ (गुदा)
    10. अनुकूल रंग ‒ लाल
    11. शुभ दिवस ‒ मंगलवार
    12. अनुकूल देवता ‒ शिवजी, भैरव, हनुमान
    13. व्रत, उपवास ‒ मंगलवार
    14. अनुकूल रत्न ‒ मूंगा
    15. अनुकूल उपरत्न ‒ तामड़ा
    16. अनुकूल धातु ‒ तांबा
    17. अनुकूल अंक ‒ 9
    18. अनुकूल तारीखें ‒ 9/18/27
    19. मित्र राशियां ‒ कर्क, मीन
    20. शत्रु राशियां ‒ मेष, सिंह, धनु
    21. व्यक्तित्व ‒ कानूनबाज, गणक, संत, समीक्षक
    22. सकारात्मक तथ्य ‒ बुद्धिमान, निडर, प्रकृति प्रेमी
    23. नकारात्मक तथ्य ‒ ईर्ष्यालु प्रवृत्ति