National French Fry Day: फ्रेंच फ्राइज दुनिया में सबसे लोकप्रिय साइड डिश में से एक हैं। बारिश का मौसम हो या फिर आउटिंग, बच्चे हों या बड़े, फ्रेंच फ्राइज लगभग सभी का पसंद होते हैं। इसे खाने से मूड अच्छा हो जाता है। ये आलू से बनते हैं, ऐसे में लोग इसे सेहत के लिए नुकसानदायक भी नहीं मानते हैं। अगर आप भी इन्हीं लोगों में शामिल हैं तो जरा संभलें। आप जैसा सोच रहे हैं, फ्रेंच फ्राइज उतने भी पौष्टिक नहीं हैं। ये हम कई शोध कहते हैं। जी हां, ये तला हुआ स्नैक आपकी मेंटल हेल्थ पर असर डाल सकता है।
तनाव और टेंशन दोनों का कारण

हाल ही में चीन के हांग्जो में हुई एक स्टडी में सामने आया कि तले हुए खाद्य पदार्थ, खासतौर पर आलू के लगातार सेवन से लोगों में टेंशन का स्तर इसे न खाने वालों के मुकाबले 12 प्रतिशत तक अधिक रहता है। इतना ही नहीं तले हुए आलू न खाने वाले लोगों के मुकाबले इन्हें खाने वालों में डिप्रेशन का स्तर भी 7 प्रतिशत तक अधिक होता है। मेंटल हेल्थ के साथ ही यह आपकी फिजिकल हेल्थ के लिए भी नुकसानदायक है। अगर आप लगभग रोज फ्रेंच फ्राइज खाते हैं तो ये मोटापे के साथ ही हाई ब्लड प्रेशर जैसे कई रोगों का कारण बन सकते हैं।
लाखों लोगों पर सालों तक रिसर्च

स्टडी के अनुसार अधिक अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खाने से कैंसर, खासतौर पर ओवरी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इस खास स्टडी को करीब 11 साल तक 1.40 लाख से ज्यादा लोगों के मूल्यांकन के आधार पर किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि 12,735 लोग जो नियमित रूप से फ्रेंच फ्राइज खा रहे थे अवसाद में मिले। वहीं 8,294 मामलों में फ्रेंच फ्राइज खाने वाले लोग टेंशन के अधिक शिकार पाए गए। स्टडी में ये भी पाया कि जो लोग नियमित रूप से दिन में एक बार तले हुए फ्रेंच फ्राइज खाते हैं, उनपर उम्र का असर जल्दी दिखने लगता है।
नुकसान ही नहीं कुछ फायदे भी

ऐसा बिल्कुल नहीं है कि फ्रेंच फ्राइज खाने के सिर्फ नुकसान ही हैं। इसके कई फायदे भी हैं। एक अध्ययन के अनुसार, आलू में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये कैरोटीनॉयड, एंथोसायनिन, क्लोरोजेनिक, कैफीक एसिड, फ्लेवोनोइड और फेनोलिक एसिड हैं। जिनसे शरीर को पोषण तत्व मिलते हैं। आलू में फाइबर होता है। फाइबर रक्त शर्करा को लंबे समय तक स्थिर रखने में भी मदद करता है, इसलिए हाई फाइबर फूड खाने के काफी देर तक भूख नहीं लगती है। इसी के साथ आलू में विटामिन बी6 से भरपूर होता है। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी, पुलमैन के शोधकर्ता की एक स्टडी के अनुसार आलू मासिक धर्म के दौरान महिला हार्मोन को विनियमित करने और गर्भवती महिलाओं में मतली को रोकने में सहायता करता है। इतना ही नहीं विटामिन बी6 बच्चों के मस्तिष्क के विकास के लिए भी फायदेमंद है। शोध के अनुसार यदि आप फ्रेंच फ्राइज का सेवन करते हैं, तो भी यह काफी हद तक मददगार रहेगा।
हड्डियों को बनाते हैं मजबूत

इटली के शोधकर्ताओं के अनुसार आलू में आयरन, कॉपर, मैग्नीशियम और फास्फोरस होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। हड्डी और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण कोलेजन, आयरन और जिंक के संयोजन से बनता है। फास्फोरस और कैल्शियम मिलकर हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। यदि शरीर में फास्फोरस सही मात्रा में है और पर्याप्त कैल्शियम नहीं है तो आपको ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा है। शोधकर्ता के अनुसार इन आधारों पर आप थोड़ी मात्रा में फ्रेंच फ्राइज खा सकते हैं। हालांकि इसके साथ कुछ प्रोटीन अवश्य खाएं। आलू में स्टार्च भी होता है, जो आंतों के लिए सेहतमंद होता है। इससे मेटाबॉलिज्म भी सुधरता है।
घर पर बनाएं ताजा फ्रेंच फ्राइज

आलू प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन-मुक्त होते हैं। ऐसे में यह सीलिएक रोग या ग्लूटेन संवेदनशीलता वाले लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है। ग्लूटेन प्रोटीन परिवार है जो गेहूं, जौ और राई जैसे अनाज में पाया जाता है। ग्लूटेन एलर्जी से पीड़ित लोग आलू का सेवन आराम से कर सकते हैं। हालांकि क्योंकि फ्राइज तले जाते हैं, इसलिए इनका सीमित सेवन की बेहतर है। आलू विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है, जो आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाता है। घर पर बने ताजा फ्रेंच फ्राइज बाजार के फ्रेंच फ्राइज से बेहतर हैं। आजकल बाजार में कई फ्रेंच फ्राई कटर भी उपलब्ध हैं। जिनसे बाजार जैसे फ्राइज घर में ही कट जाते हैं।
डरे नहीं, बस सही रास्ता चुनें

विशेषज्ञों का कहना है कि लोग आरामदायक भोजन की ओर रुख कर रहे हैं और यही कारण है कि फ्रेंच फ्राइज लोगों की फेवरेट लिस्ट में शामिल है। लेकिन दूसरी ओर सच्चाई यह है कि तले हुए भोजन के अधिक सेवन से चिंता और अवसाद दोनों का खतरा बढ़ जाता है। अनहेल्दी और खराब पोषण वाला खाना आपकी मानसिक सेहत को खराब करता है। विशेषज्ञों के अनुसार तले हुए खाने के प्रतिकूल प्रभावों से आपको डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन इनका सेवन कम करना आपके लिए हर तरह से अच्छा रहेगा। ये आपकी मेंटल और फिजिकल फिटनेस की ओर आपका सकारात्मक कदम होगा। सप्ताह में दो बार फ्रेंच फ्राइज का सीमित मात्रा में सेवन करना बेस्ट विकल्प है। इससे आपकी फ्राइज खाने की इच्छा भी पूरी होगी और ये सेहत के लिए नुकसानदायक भी नहीं होगा।
सदियों पुराने हैं फ्रेंच फ्राइज

दुनियाभर में हर साल 13 जुलाई को नेशनल फ्रेंच फ्राई डे मनाया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि फ्रेंच फ्राइज असल में फ्रेंच से नहीं हैं। इनकी उत्पत्ति बेल्जियम में हुई। इतिहासकारों का दावा है कि 1600 के दशक के अंत में फ्राइज के प्रमाण मिलते हैं। बेल्जियम की किंवदंती के अनुसार, म्युज घाटी में रहने वाले ग्रामीण अक्सर नदी में पकड़ी गई छोटी मछलियों को तलकर खाते थे। लेकिन सर्दियों के दौरान नदी जमने के कारण मछली पकड़ना संभव नहीं था। ऐसे में ग्रामीणों ने इसका विकल्प खोजा। इस दौरान उन्होंने जड़ वाले पौधे आलू को खोजा। उन्होंने इसे काटकर भूना, यह स्वाद में अच्छा लगा। जिसके बाद लोगों ने इसे भोजन में शामिल कर लिया। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बेल्जियम में तैनात अमेरिकी सैनिकों को पहली बार फ्राइज दिए गए। जिसके बाद इन्हें ग्लोबल पहचान मिली। दूसरी ओर बेल्जियम के खाद्य इतिहासकार पियरे लेक्लेर्क का दावा है कि फ्राइज फ्रांसीसी मूल के हैं। इनका उल्लेख पहली बार 1775 में एक पेरिस की किताब में किया गया है। आधुनिक फ्रेंच फ्राइज की पहली रेसिपी 1795 में फ्रेंच कुकबुक ला क्युसिनिएर रिपब्लिकेन में है।