Hindu Mythology: पौराणिक काल से ही हिंदू धर्म में अनेकों देवी- देवताओं की पूजा होती रही हैं। इन सभी देवी- देवताओं ने किसी न किसी उद्देश्य के लिए धरती पर जन्म लिया जिसके कारण धरती के लोग देवी- देवताओं के विभिन्न रूपों की पूजा करने लगे। इसी कारण देवताओं की कुल संख्या को लेकर विद्वानों के बीच मतभेद होने लगा। शास्त्रों के अनुसार, सृष्टि के आरंभ में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश ही सृष्टि के रचयिता, पालनहार और संचालक थे। बाकि सभी देवता इन्हीं त्रिदेवों के अंश है। आज के युग में विद्वान लोग धरती पर देवताओं की संख्या के लिए एकमत नहीं है। एक मत के अनुसार धरती पर 33 प्रकार के देवी- देवता हैं तो दूसरे मत के अनुसार धरती पर 33 करोड़ देवी देवता हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको धर्मशास्त्रों में बताई गई देवताओं की संख्या से जुड़ी जानकारी बताएंगे।
कोटि शब्द से बने मतभेद

पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि देवताओं की संख्या का मतभेद धर्मशास्त्रों में लिखे कोटि शब्द के कारण हुआ। कोटि शब्द संस्कृत भाषा का शब्द है। जिसका अर्थ है प्रकार। हिंदुओं के सभी धर्मग्रंथ पहले संस्कृत भाषा में ही लिखे गए थे। इन धर्मग्रंथो में 33 कोटि देवताओं का ज़िक्र किया गया है। जिसके कारण अलग-अलग विद्वानों ने अपनी-अपनी समझ के अनुसार कोटि शब्द के विभिन्न अर्थ निकाले। कुछ विद्वानों का मानना है कि कोटि शब्द का अर्थ प्रकार होता है तो कुछ विद्वानों का मानना है कि कोटि शब्द का अर्थ करोड़ है। इसी कारण हिंदू धर्म के देवताओं की संख्या अब तक विद्वानों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
शास्त्रों में 33 कोटि का अर्थ 33 प्रकार

पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि शास्त्रों और वेदों- पुराणों में 33 कोटि का अर्थ 33 प्रकार बताया गया है क्योंकि शास्त्रों में 33 प्रकार के देवताओं का नाम सहित वर्णन मिलता है। शास्त्रों के अनुसार, 33 प्रकार के देवताओं में सूर्य की 12 राशियों को 12 आदित्य माना गया है। प्राणियों में बसने वाले वसु 8 है। साथ ही रुलाने वाले 11 रुद्रों को भी शामिल किया गया है। सृष्टि में जल, अग्नि, वायु, आकाश और धरती में संतुलन बनाने वाले 1 इंद्र को भी देवताओं का प्रकार माना जाता है। कभी कभी 1 इंद्र की जगह अश्विनी और कुमार को भी 1 ही मान लिया जाता है। इन सभी देवताओं में उन देवताओं को भी शामिल किया गया है जो धारी के हित के लिए मनुष्य रूप में धरती पर जन्में थे। इस प्रकार धर्मशास्त्रों के आधार पर 33 प्रकार के देवताओं का मत ज्यादा सही है।
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