समय से पहले दिमाग की सारी ताकत चूस लेती हैं ये 5 बुरी आदतें
दिमाग शरीर का पावरहाउस कहलाता है। दिमाग शरीर के सभी कार्यों को नियंत्रित करता है और इसके बिना शरीर कुछ भी नहीं कर सकता है।
Break Bad Habits: दिमाग शरीर का पावरहाउस कहलाता है। दिमाग शरीर के सभी कार्यों को नियंत्रित करता है और इसके बिना शरीर कुछ भी नहीं कर सकता है। दिमाग शरीर के सभी अंगों को संचालित करता है और शरीर के तमाम कार्यों को नियंत्रित करता है, जैसे कि साँस लेना, खाना पचाना, चलना, बोलना आदि।
दिमाग एक बहुत ही अधिक संगठित अंग होता है जो न्यूरॉन कहलाते हैं, और इन न्यूरॉन के माध्यम से इसे अन्य अंगों से संचालित किया जाता है। दिमाग में विभिन्न क्षेत्र होते हैं जो विभिन्न कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं, जैसे कि भाषा, संचार, सृजनात्मकता, मूवमेंट आदि। दिमाग के पास ही हमारी बॉडी का पूरा कंट्रोल होता है। इसलिए इसे हेल्दी रखना बेहद जरूरी होता है। लेकिन हमारी रोज की कुछ गंदी आदतें हमारे ब्रेन को अंदर से नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इन अनहेल्दी आदतों से जितनी जल्दी हम छुटकारा पाएं उतना अच्छा है।
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आपकी बुरी आदतें यदि आप समय से पहले नहीं छोड़ते हैं तो वे आपको बूढ़ा बनाने में मदद कर सकती हैं। बुरी आदतें आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर दुर्भाग्यपूर्ण प्रभाव डाल सकती हैं। बुरी आदतों जैसे तंबाकू या शराब पीना, नशीली दवाओं का सेवन, जंक फूड खाना, और लेट जागते रहना आपके शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। इन आदतों से बचना आपके लिए बेहद आवश्यक है। अपनी बुरी आदतों को समय से पहले छोड़ने का निर्णय लें और उसे पूरे दिल से अपनाएं। इन आदतों के विकल्प का चयन करें जैसे व्यायाम करना, स्वस्थ भोजन खाना और अधिक सोना।
आलू की टिक्की खाना

आलू की टिक्की एक बहुत ही फेमस इंडियन स्ट्रीट फूड है। जिसे खाना लोग काफी पसंद करते हैं। ये खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है इसमें कैलोरी, कार्ब्स, फैट उससे कहीं ज्यादा हो होता है। जो हमारे दिमाग पर काफी बुरा असर करती है। इसलिए ऐसे खाने की चीजों को जंक फूड कहा जाता है। जंक फूड्स के अंदर जरूरत से ज़्यादा ऑक्सीडाइज्ड फैट होता है। जो इंफ्लामेशन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से हमारे ब्रेन को डैमेज करते हैं। अगर आपको हर दिन जंक फूड खाने की आदत है तो तुरंत इससे छुटकारा पाएं। ये आपकी सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है।
ज्यादा फोन इस्तेमाल करना

ज्यादा फ़ोन इस्तेमाल करना दिमागी हालत के लिए बुरा होता है। अधिकतर लोगों के दैनिक जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा फ़ोन इस्तेमाल करना होता है और जब वे अधिक देर तक फोन पर व्यतीत करते हैं, तो इससे उनकी दिमागी स्वस्थता पर असर पड़ता है। एक अध्ययन के अनुसार, लंबे समय तक फ़ोन का उपयोग करने से दिमाग की क्षमता में कमी होती है और यह मनोदशा और नींद पर भी असर डालता है। ज्यादा फ़ोन इस्तेमाल करने से लोगों की सोशल इंटेरैक्शन की क्षमता भी कम होती है जो अकेलापन और उबाऊता का कारण बन सकती है। इसलिए, अधिक फोन उपयोग से बचना चाहिए और समय-समय पर फोन का इस्तेमाल करने की आदत बनानी चाहिए। आप अपने समय का एक निश्चित हिस्सा जब फोन उपयोग कर सकते हैं और उसके बाद अपने फोन को छोड़कर दूसरी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।
धूप में न निकलना

धूप एक प्रकार का प्राकृतिक ऊर्जा होती है जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होती है। धूप में विटामिन डी के स्रोत बनता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और शरीर के अन्य कार्यों में भी मदद करता है। हमारी लाइफस्टाइल और दिन भर एसी में रहने से लोगों ने धूप में जाने से बिलकुल मना कर देते हैं। और ना धुप में रहना पसंद करते हैं। ईसिस वजह से उनके शरीर में विटामिन डी की कमी का खतरा बढ़ जाता है। NCBI की स्टडी के अनुसार इस पोषक तत्व की कमी हमारे मेंटल हेल्थ को काफी खतरनाक साबित हो सकती है। इससे हमे डिप्रेशन, ऑटिज्म, डिमेंशिया, सिजोफ्रेनिया जैसी मानसिक बीमारियां भी हो सकती हैं।
आलस और आराम

अगर हम अधिक समय तक आराम करते हैं तो यह हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है जैसे कि मोटापा, दिल के रोग, डायबिटीज आदि। इसके अलावा, आलस आपकी काम क्षमता को कम कर सकता है जो आपकी दैनिक जीवन गतिविधियों को अधिक थका देने वाला बना सकता है। अधिकतम आराम के स्थान पर, हमें अनुकूल आदतों के साथ अधिक सक्रिय रहना चाहिए, जैसे कि योग, व्यायाम, मनोरंजन आदि, जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं। इसकी वजह से हमारे शरीर का रक्त प्रवाह भी कमजोर पड़ जाता है। और हमारे ब्रेन को जरूरी न्यूट्रिशन नहीं मिल पाता है। जिससे धीरे-धीरे सेल्स की ताकत खत्म होने लगती है।
नशे की आदत

नशे की आदत दिमागी हालात के लिए बुरी है। जब आप नशे के अधिकार में होते हैं, तो आपके दिमाग को उन रसायनिक पदार्थों से बुरा प्रभाव पड़ता है जो आप उपभोग कर रहे होते हैं। ये पदार्थ आपके दिमाग के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचाते हैं जो आपकी सोचने की क्षमता, याददाश्त, निर्णय लेने की क्षमता, लोगों और स्थानों को भुलाने की क्षमता आदि को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा, नशा आपके स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकता है और आपको शारीरिक और मानसिक समस्याओं से ग्रस्त कर सकता है। इसलिए, नशे की आदत से बचना अत्यंत आवश्यक है और सेहतमंद जीवन जीने के लिए नशे को छोड़ना बेहद जरूरी होता है।
घर में बंद रहने की आदत

घर में बंद रहने की आदत दिमागी हालात के लिए बुरी हो सकती है। अधिकतर समय घर के अंदर रहने से लोग सीमित रहते हैं और उन्हें बाहरी दुनिया से जुड़े अनुभवों से वंचित कर देते हैं। यह दिमाग को अकेलापन और उबाऊता महसूस करने के लिए मजबूर करता है जो धीरे-धीरे दिमागी स्वस्थता को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा, घर में बंद रहने से आपकी शारीरिक गतिविधियों में भी कमी आती है जो आपकी सेहत को दिन-प्रतिदिन खराब करती है। इसलिए, घर में बंद न होने के लिए आपको बाहर निकलना चाहिए, जीवन में अधिक सक्रिय बनना चाहिए और बाहर के लोगों और दुनिया से जुड़े रहने का प्रयास करना चाहिए।