अपनी थाली में पौष्टिक तत्वों से भरपूर हेल्दी रेनबो डाइट को करें शामिल: Rainbow Diet
Rainbow Diet

Rainbow Diet: आज महिलाएं कामयाबी के शिखर पर पहुंच रही हैं और अपनी एक अलग पहचान कायम कर रही हैं। इसके पीछे उनमें गाॅडगिफ्टेड सुपर पाॅवर या मल्टीटास्किंग और कोपिंग गुणों का हाथ होता है। आजकल घर और ऑफिस दोनों के काम के लिए ऊर्जावान रहने के लिए शारीरिक-मानसिक रूप से हैल्दी होना भी जरूरी है। अपनी अंदरूनी ऊर्जा और स्वास्थ्य को लंबे समय तक मेंटेन करने के लिए महिलाओं को बैलेंस डाइट लेनी चाहिए, जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, वसा जैसे पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ माइक्रो-न्यूट्रीएंट्स भी हो। ये माइक्रो-न्यूट्रीएंट्स शरीर को स्वास्थ्य और ऊर्जावान रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी आपूर्ति रेनबो या कलरफुल डाइट से आसानी से की जा सकती है।

गौर करें तो प्रकृति ने हमें कई रंगबिरंगे खाद्य पदार्थ प्रदान किए हैं जो हमारी थाली या डाइट को इंद्रधनुषी रंग प्रदान करते हैं। हालांकि इनमें हरे रंग की फल-सब्जियों को वरीयता दी जाती है। लेकिन पीले, लाल, बैंगनी जैसे दूसरी कलरफुल खाद्य पदार्थो की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। हर रंग में एक अलग फाइटोकैमिकल, माइक्रोन्यूट्रीएंट, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, मिनरल्स होते हैं, जो कई गंभीर बीमारियों से हमारा बचाव करते हैं। हमें स्वास्थ्य और लंबा जीवन जीने में सहायक होते हैं। आहार विशेषज्ञ तो रोजाना डाइट में कम से कम 5 रंग के खाद्य पदार्थ शामिल करने पर बल देते हैं। मल्टीटास्कर होने के नाते महिलाओं को रेनबो डाइट की जरूरत सबसे ज्यादा है जिसे वो अपनी डाइट में विभिन्न रंगों के खाद्य पदार्थ शामिल करके आसानी से बैलेंस बना सकती हैं।

नीला, वायलेट या इंडिगो रंग

Rainbow Diet
Rainbow Diet-Blue, Violet and Indigo Color Vegetables

इस कलर के खाद्य पदार्थ फ्लेवोनाॅयड, एंथोसाइनेन्स, न्यूटन में बहुत रिच होते हैं। ये शरीर में किसी भी तरह की दर्द और सूजन को कम करने या एंटीऑक्सीडेंट स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं। इनमें मौजूद नाइट्रेट्स उच्च रक्तचाप को कम करने, हार्ट और न्यूरोलाॅजिकल विकारों के जोखिम को कम करते हैं। ये खाद्य पदार्थ आंखों को हैल्दी रखने और इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद करते हैं। इसलिए महिलाओं को यथासंभव अपनी खाने की प्लेट में एक ब्लू या पर्पल कलर का खाद्य पदार्थ जरूर शामिल करने चाहिए जैसे- बैंगन, ब्लैक ग्रेप्स, ब्लूबेरी, ब्लैक बेरीज, पर्पल कैबेज, प्लम।

हरा रंग

इस ग्रुप में पालक, मैथी जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां, पत्ता गोभी, शिमला मिर्च, घिया, टिंडा, बीन्स, परमल, ब्रोकली, मटर, भिंडी, एवोकाडो, सेब जैसे खाद्य पदार्थ आते हैं। हरे रंग की फल-सब्जियों में विटामिन बी, फोलिक एसिड, मिनरल्स (आयरन, जिंक, मैगनीशियम, कैल्शियम) काफी मात्रा में पाए जाते हैं। ये तत्व दांतों, हड्डियों, जोड़ों और बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। इनमें मौजूद सल्फोराफेन और ग्लूकोसाइनोलेट तत्व कैंसर और दिल की बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इन खाद्य पदार्थों में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है। नियमित सेवन से एनीमिया या खून की कमी का शिकार होने से बचा जा सकता है। जो महिलाएं अपने वजन नियंत्रित करना चाहती हैं, वे इन कम कैलोरी वाली हरी सब्जियां आसानी से खा सकती हैं। इनमें एल्काइन या क्षारीय गुण काफी मात्रा में होते हैं, जो आजकल प्रचलित खानपान की गलत आदतों के कारण शरीर में उत्पन्न एसिटिक प्रकृति को कम करने में सहायक होते हैं।

पीला और संतरी रंग

Rainbow Diet
Rainbow Diet-Orange and Yellow Diet

विटामिन सी से भरपूर ये खाद्य पदार्थ एनर्जी और सुकून प्रदान करते हैं। शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाकर सेहत को पुनः सशक्त करने में सहायक है। पीले रंग के खाद्य पदार्थो में मौजूद विटामिन सी, साइट्रिक एसिड, एंटी ऑक्सीडेंट हमारे ब्लड में वाइट ब्लड सेल्स को विकसित करने में मददगार हैं। वाइट ब्लड सेल्स हमारी इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं और विभिन्न तरह के वायरस, बैक्टीरिया या फंगस के इंफेक्शन से हमारा बचाव करने में मदद करते हैं। इन खाद्य पदार्थो में कैरोटोनाॅयड मिलता है जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव करता है। फेफड़ों को विभिन्न तरह के इंफेक्शन से बचाव के लिए सुरक्षा कवच प्रदान करता है और उन्हें स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।

इनमें मौजूद कैरोटीनाॅयड एंटीऑक्सीडेंट शरीर में जाकर विटामिन ए में बदल जाता है जो हार्ट और आंखों को स्वस्थ रखने, त्वचा को सूरज की अल्ट्रावाॅयलेट किरणों से बचाने, और हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में सहायक है। विटामिन सी की आपूर्ति करने में मदद करता है और त्वचा में कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे त्वचा मुलायम और चमकदार होती है और उस पर बढ़ती उम्र के असर धीमा हो जाता है। इनमें मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स गुण एनर्जी प्रदान करते हैं। आम, पपीता, सीताफल, भुट्टा या मक्का येलो बेल पेपर, नींबू, संतरा, कीनू, आड़ू, खरबूजा जैसे खाद्य पदार्थ पीले और संतरी रंग के ग्रुप में आते हैं।

लाल रंग

कैरोटोनाॅयड और लाइकोपीन में रिच होने के कारण रेड कलर के खाद्य पदार्थों का सेवन नियमित रूप से करना उपयोगी है। फ्री-रेडिकल्स या विषाक्त पदार्थ हमारे शरीर के सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं और कैंसर जैसी गंभीर बिमारियों को बढ़ाते हैं। रेड कलर के खाद्य पदार्थ इन फ्री-रेडिकल्स को शरीर से बाहर निकाल कर हमें स्वस्थ रखते हैं। इनका नियमित सेवन हृदय और फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं। आप अपने आहार में स्ट्राॅबेरी, कैनबेरी, रसभरी, सेब, चुकुंदर, तरबूज, रेड बेल पेपर, टमाटर, लाल प्याज जैसी चीजों को शामिल कर सकती हैं।

सफेद और भूरा रंग

White and Brown
Rainbow Diet-White and Brown

ओनियन फैमिली के खाद्य पदार्थो में मोैजूद लिसिन एंटी-ट्यूमर गुण पाए जाते हैं। इनमें एंटी ऑक्सीडेंट फ्लेवोनाॅयड भी मिलता है जो शरीर में होने वाली सूजन और दर्द को कम करने में सहायक है। सफेद रंग के खाद्य  पदार्थ में एंथोक्सैन्थिन तत्व गठिया या जोड़ों के दर्द में राहत पहुंचाते हैं। सेलेनियम तत्व मेटाबाॅलिज्म को दुरुस्त रखकर इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक है। इनमें मौजूद एंटी-एजिंग गुण  स्किन पर बढ़ती उम्र का प्रभाव कम करते हैं। इस कलर ग्रुप में सफेद प्याज, गोभी, लहसून, मूली, मशरूम, आलू, नाशपाती, जैसी चीजें आती हैं।

रखें ध्यान

  • डाइट-प्लानिंग करते हुए महिलाओं को कोशिश करनी चाहिए कि अलग-अलग फूड ग्रुप को यथासंभव शामिल करें। कम से कम 3 रंग आहार में जरूर होने चाहिए। जरूरी नहीं कि हर चीज की सर्विंग बड़ी हो, छोटी-छोटी सर्विंग को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकती हैं।
  • पूरे दिन में कम से कम 2 रंग के फल और 2 रंग की सब्जियां जरूर खानी चाहिए। ध्यान रखें कि फल-सब्जियां ताजी और मौसमानुसार हों। वैसे तो आप फल किसी भी समय खा सकते हैं, अगर आप इन्हें मिड मील मेें लेना बेहतर है। फाइबर से भरपूर होने के कारण फल पेट भरा होने का अहसास कराते हैं और वजन को नियंत्रित रखने में सहायक होते हैं। इससे एसिडिटी या गेस्टराइटिस की समस्या भी कम होती है।

    (डाॅ चेतना बंसल, आहार विशेषज्ञ, अपोलोमैडिक्स अस्पताल, लखनऊ)