कु, घ, ड, छ आर्द्रा-4
के, हो, ह पुनर्वसु-3
ग्रह स्थिति
मासारम्भ में सूर्य मिथुन राशि का लग्न में, चंद्रमा कर्क राशि का द्वितीय भाव में, केतु तुला राशि का पंचम भाव में, शनि कुंभ राशि का नवम भाव में, बृहस्पति कुंभ राशि का दशम भाव में, राहु+मंगल मेष राशि का ग्यारहवें भाव में, शुक्र+बुध वृषभ राशि का बारहवें भाव में है।
24 जुलाई से 31 जुलाई तक
दिनांक 24, 25 को आधा दिन खराब जाएगा। किसी कार्य में मन नहीं लगेगा। आप पर कोई झूठा आरोप लग सकता है। आप कोर्ट-केस या वाद-विवाद में हार सकते हैं। 26, 27 को समय पूर्णतया अनुकूल रहेगा। मेहनत व परिश्रम के बल पर आप वह सब हासिल करेंगे, जिसकी आपने कभी तमन्ना की है। धनागमन के प्रबल योग हैं। 29, 30 को जन्मदिन की पार्टी आदि में शिरकत करेंगे। संतान को लेकर चली आ रही चिंता समाप्त होगी। आप किसी एकांत स्थान की यात्रा का प्रोगाम बना सकते हैं। 30, 31 को शुभ दिन है। सरकारी कर्मचारियों को लाभ की प्राप्ति होगी। आपको सुखद समाचारों की प्राप्ति होगी। व्यापारिक गतिविधियां तेज होंगी। आपको आपकी मेहनत का प्रतिफल भी मिल जाएगा।
मिथुन राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
2021 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
जनवरी | 10, 11, 12, 16, 17, 20, 21 | 3, 4, 5, 13, 14, 23, 24, 31 |
फरवरी | 6, 7, 8, 12, 13, 16, 17, 18 | 1, 9, 10, 19, 20, 27, 28 |
मार्च | 6, 7, 11, 12, 13, 16, 17 | 9, 10, 18, 19, 20, 26, 27, 28 |
अप्रैल | 2, 3, 4, 8, 9, 12, 13, 29, 30 | 5, 6, 15, 16, 23, 24 |
मई | 1, 5, 6, 9, 10, 11, 27, 28 | 2, 3, 12, 13, 20, 21, 22, 30, 31 |
जून | 1, 2, 3, 6, 7, 23, 24, 28, 29, 30 | 9, 10, 16, 17, 18, 26, 27 |
जुलाई | 3, 4, 20, 21, 22, 26, 27, 30, 31 | 6, 7, 14, 15, 23, 24 |
अगस्त | 1, 17, 18, 22, 23, 26, 27, 28 | 2, 3, 10, 11, 12, 19, 20, 29, 30, 31 |
सितम्बर | 13, 14, 18, 19, 20, 23, 24 | 7, 8, 16, 17, 26, 27 |
अक्टूबर | 10, 11, 12, 16, 17, 20, 21 | 4, 5, 6, 13, 14, 23, 24 |
नवम्बर | 7, 8, 12, 13, 16, 17, 18 | 1, 2, 9, 10, 19, 20, 21, 27, 28, 29 |
दिसम्बर | 4, 5, 9, 10, 11, 14, 15, 31 | 7, 8, 17, 18, 25, 26 |
मिथुन राशि का वार्षिक भविष्यफल
इस वर्ष देवगुरु बृहस्पति आपकी राशि से नवम व दशम भाव में भ्रमण करेगा। इस वर्ष स्वास्थ्य में उचित सुधार होगा। शरीर में नवीन ऊर्जा का संचार होगा। कुछ विशेष कार्य करने की प्रेरणा मन में रहेगी। व्यापारिक व कार्यक्षेत्र में इस साल आप उन्नति के साथ-साथ सफलता भी प्राप्त करेंगे। इस वर्ष उच्चाधिकारी वर्ग व राजनीतिक महत्त्व के लोगों से भी आपके सम्पर्क व सम्बन्ध बनेंगे। इस वर्ष शनि की ढैय्या का प्रभाव भी आपकी राशि पर रहेगा। अतः 29 अप्रैल तक स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव रह सकते हैं। उदर विकार, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों में लापरवाही के परिणाम घातक हो सकते हैं। नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण करवाते रहें।
इस वर्ष नवम व दशम स्थान में देवगुरु ब्रहस्पति की स्थिति के फलस्वरूप आपको किसी पुरस्कार से सम्मानित किया जा सकता है। पारिवारिक सुख-शांति व समृद्धि की दृष्टि से यह साल अच्छा रहेगा। परिवार के सदस्यों में एक दूसरे के प्रति प्रेम व सामंजस्य का भाव विद्यमान रहेगा। इस साल भागदौड़ व दौड़धूप अधिक रहेगी। शनि का परिभ्रमण इस वर्ष आठवें व नवमें भाव में रहेगा। अतः 29 अप्रैल तक शत्रुओं और षड्यंत्रों से परेशानी रहेगी। व्यापार में जल्दबाजी में लिए गए निर्णय भी गलत साबित होंगे। अपरिचित व अजनबी व्यक्तियों पर विश्वास हानि का कारण बन सकता है। अगर आप सरकारी नौकरी में हैं तो आपको एक-एक कदम सोच-सोच कर रखना चाहिए। मिथुन राशि के जातक बुद्धिमान होते हैं। अपनी चतुराई, बुद्धिमता व वाक चातुर्य की सहायता से आप बड़े से बड़ा काम चुटकियों में निपटा लेंगे। पति-पत्नी में यदा-कदा वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। संतान की शिक्षा व करियर आपकी चिंता का कारण रहेगा। हालांकि इन सबके बीच घर के वरिष्ठ सदस्यों का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
इस साल गोचरवश राहु द्वादश व एकादश स्थान में स्थित रहेंगे। जो कि आर्थिक कश्मकश व खींचतान को दिखा रहे हैं। पैसा आने से पहले जाने का रास्ता भी तैयार रहेगा। फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखें अन्यथा ऋण लेने की भी नौबत आ सकती है। संतान की गतिविधि, उसकी हरकतों व सौहवत पर पूरी नजर रखें। 4 जून से 23 अक्टूबर, 2022 के मध्य भाग्येश शनि वक्र स्थिति में चलायमान रहकर उन्नति में बाधक बन सकते हैं। इस कालखण्ड (समय विशेष) में क्रोध व वाणी पर काबू रखें अन्यथा बना बनाया खेल बिगड़ सकता है। भागीदार व पार्टनर कर्मचारी पर निगाह रखें, अन्यथा बना बनाया खेल बिगड़ सकता है, यह भी पता करें कि कहीं आपकी व्यावसायिक गोपनीयता भंग तो नहीं हो रही है। अगर आप किसी दुर्व्यसन या बुरी आदत के शिकार हैं तो उसे छोड़ने का प्रयास करें। 12 जुलाई के बाद शनि वापस आठवें स्थान में आकर कार्यक्षेत्र में परेशानियों का कारण बन सकता है। सम्पति सम्बन्धी मसले आपको बातचीत व आपसी सहमति से हल करने का प्रयास करना चाहिए। कानूनी पचड़ों से आपको दूर रहने का प्रयास करना चाहिए। बच्चों पर अध्ययन के लिए दबाव नहीं बनाएं। रिश्तेदार अपने मतलब तक या स्वार्थ तक आपके साथ रहेंगे, जैसे ही उनका काम समाप्त हुआ, वैसे ही आपसे कतराना शुरू कर देंगे।
मिथुन राशि–कैसी रहेगी 2022 में आपकी सेहत?
मिथुन राशि–व्यापार, व्यवसाय व धनके लिए कैसा रहेगा आने वाला साल 2022 ?
जानिए कैसा रहेगा 2022 में आपका घर-परिवार, संतान व रिश्तेदार के साथ सम्बन्ध ?
जानिए कैसा रहेगा 2022 में आपका विद्याध्ययन, पढ़ाई व करियर ?
जानिए कैसा रहेंगे 2022 में आपके प्रेम-प्रसंग व मित्रता सम्बन्घ ?
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जानिए कैसा रहेंगे 2022 मेंआपका यात्रा योग?
उपलब्धिपूर्ण नहीं होंगी। किसी धार्मिक स्थल की यात्रा का कार्यक्रम भी बन सकता है।
कैसे बनाये मिथुन राशि वाले 2022 को लाभकारी ?
मिथुन राशि की चारित्रिक विशेषताएं
मिथुन राशि का स्वामी बुध है, अतः मिथुन राशि के जातक (व्यक्ति) विनम्र, उदार व हास्यप्रिय प्रवृत्ति के होते हैं। बुध के प्रभाव के कारण ऐसा जातक बुद्धिमान होता है। इनमें स्वाभिमान का भाव भी परिलक्षित होता है। मिथुन राशि का चिह्न स्त्री-पुरुष का जोड़ा है। अतः इस राशि के लोग विपरीत लिंगी के प्रति सहज ही आकर्षित होते हैं। ऐसा व्यक्ति शास्त्र कर्म को जानने वाला, संदेश, वचन में निपुण, बातचीत में होशियार, चतुर बुद्धि, हास्य करने वाला विनोदी व दूसरे के भावों को आसानी से समझने वाला मनुष्य होता है। सारावली तो मिथुन राशि के जातक के बारे में यहां तक कहती है-
मिथुनादिमे दृगाणे पृथत्तमाडो धनान्वितः प्रांशुः।
कितवो गुणी विलासी, नृपाप्तमानो वचस्वी स्यात्।।
अर्थात् मिथुन राशि का व्यक्ति मोटे मस्तक वाला, धनी, ऊंचा, वाचाल, धूर्त, गुणी, विलासी, राजा से सम्मान प्राप्त करने वाला और बेहतरीन वक्ता होता है।
मिथुन राशि में उत्पन्न जातक विनम्र, उदार एवं हास्य प्रवृत्ति के होते हैं तथा बुद्धिमता के भाव उनके चेहरे से परिलक्षित होते हैं। इनमें स्वाभिमान का भाव विद्यमान रहता है तथा वे भौतिक सुख-साधनों एवं धनैश्वर्य से सम्पन्न रहते हैं। वे कार्यों को अत्यन्त ही सोच-समझकर सम्पन्न करते हैं, सरकार या उच्चाधिकारी वर्ग से उनका सम्पर्क बना रहता है, संगीत एवं कला के प्रति इनकी रुचि रहती है तथा नवीन सिद्धांतों या मूल्यों का प्रतिपादन करने में समर्थ रहते हैं। इसके अतिरिक्त गणित, लेखन या संपादन के क्षेत्र में इनको सफलता प्राप्त होती है। अतः इसके प्रभाव से आपका शारीरिक स्वास्थ्य उत्तम रहेगा तथा मानसिक संतुष्टि भी बनी रहेगी। अपने समस्त सांसारिक महत्त्व के कार्यों को आप बुद्धिमतापूर्वक सम्पन्न करेंगे। साथ ही जीवन में स्वपरिश्रम एवं योग्यता से आपको भौतिक सुख-संसाधनों की प्राप्ति होगी तथा धनैश्वर्य से सुसम्पन्न होकर अपना जीवन व्यतीत करेंगे।
यह द्विस्वभाव राशि है, अतः इस राशि वाले व्यक्ति प्रत्येक वस्तु के दोनों पहलुओं पर बहुत अच्छी तरह सोच-विचार कर फिर निर्णायात्मक कदम उठाते हैं। यह राशि दिवाबली मध्यम संतति और शिथिल शरीर का प्रतिनिधित्व करती है। इस राशि के व्यक्तियों को क्रोध कम आता है, प्रायः ये शान्त व गम्भीर स्वभाव के होते हैं। यदि ये क्रोधित हो जाएं, तो क्रोध शान्त होने पर पश्चाताप प्रकट करते हैं। इस राशि का चिह्न ‘गदा व वीणा सहित पुरुष-स्त्री की जोड़ी’ है। अतः इस राशि वाले व्यक्ति संगीत-वाद्य आदि कलाओं में रुचि रखते हैं।
मिथुन राशि के लोग यदि अच्छे की सोहबत में रहते हैं, तो अच्छे परिणाम देते हैं, वहीं ख़राब की सोहबत में ऐसे लोग ख़राब हो जाते हैं। नपुंसक बुध के प्रभाव से मिथुन राशि के लोगों पर संगत का असर ज़्यादा होता है। ये लोग शीघ्र ही दूसरे लोगों के प्रभाव व आकर्षण केन्द्र में आ जाते हैं, जो इनकी सबसे बड़ी कमज़ोरी है।
मित्रों के प्रति आपके मन में पूर्ण निष्ठा रहेगी तथा सरकारी कार्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपना सहयोग प्रदान करेंगे। आपका व्यक्तित्व आकर्षक होगा तथा वाणी में भी मधुरता रहेगी। साथ ही शांत, विनम्र एवं हास्य प्रवृत्ति के कारण अन्य जनों को प्रभावित तथा आकर्षित करने में समर्थ रहेंगे। कला एवं संगीत के प्रति आप रुचिशील रहेंगे। प्रयत्न के इस क्षेत्र में मान-प्रतिष्ठा भी प्राप्त हो सकती है। लेखन, गणित, सम्पादन या व्यापार संबंधी कार्यों में आप उन्नति प्राप्त करके समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में स्वयं को स्थापित करने में समर्थ रहेंगे।
यदि आपका जन्म मिथुन राशि में ‘मृगशिरा नक्षत्र’ के 3, 4 चरण (का, की) अक्षरों में है, तो आपका जन्म 7 वर्ष की मंगल की महादशा में हुआ है। आपकी योनि‒सर्प, गण‒देव, वर्ण‒शूद्र, युज्जा‒पूर्व, हंसक‒वायु, नाड़ी‒मध्य, पाया‒सोना और वर्ग‒बिलाव है। इस नक्षत्र का प्राकृतिक स्वभाव विद्याध्ययनी और शिल्पी है। इस राशि वाले बालक बहुत ही चतुर व सुन्दर होते हैं। प्रायः ये मध्यम कद के छरहरे बदन के होते हैं। आर्थिक दृष्टिकोण से मितव्ययी एवं सोच-विचारकर खर्च करने वाले होते हैं। इनकी प्रगति में निरन्तर बाधाएं आती रहती हैं तथा इनका जीवन परिवर्तनमय रहता है। ‘Change is Charm of Life’ के सिद्धांत का प्रतिपादन करने वाले ये व्यक्ति प्रायः एक धंधे को छोड़कर दूसरे धंधे में हाथ डालते हुए देखे गए हैं।
यदि आपका जन्म मिथुन राशि में ‘आर्द्रा नक्षत्र’ के (कु, घ, ड, छ) अक्षरों में है, तो आपका जन्म 18 वर्ष की राहु की महादशा में हुआ है। आपकी योनि‒श्वान, गण‒मनुष्य, वर्ण‒शूद्र, युज्जा‒मध्य, हंसक‒वायु, नाड़ी‒आद्य, पाया‒चांदी का एवं प्रथम तीन चरण-बिलाव एवं अंतिम चरण-सिंह वर्ग का है। आर्द्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति क्रय-विक्रय में निपुण होते हैं। आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी रुद्र होने से इनमें संहारक शक्ति विशेष होती है।
यदि आपका जन्म मिथुन राशि के ‘पुनर्वसु नक्षत्र’ के प्रथम तीन चरणों (के, को, हा) में हुआ है, तो आपका जन्म 16 वर्ष की बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि‒ मार्जार, गण‒देव, वर्ण‒शूद्र, युज्जा‒मध्य, हंसक‒वायु, नाड़ी‒आद्य, पाया‒चांदी, प्रथम दो चरण-बिलाव एवं तृतीय चरण-हिरण वर्ण का है। पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति धन एकत्रित करने में निपुण होते हैं। अपनी इन्द्रियों व इच्छाओं पर इनका विशेष नियंत्रण होता है।
आपका व्यक्तित्व भी आकर्षक होगा। फलतः अन्य लोग आपसे प्रभावित तथा आकर्षित रहेंगे। जीवन में समस्त सांसारिक सुखों का उपयोग करने में आप सफल होंगे तथा धनैश्वर्य एवं वैभव से भी सुसम्पन्न रहेंगे। आप एक विद्वान पुरुष होंगे, फलतः अपनी विद्वता से समाज में मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा अर्जित करेंगे।
धर्म के प्रति भी आपके मन में श्रद्धा का भाव विशेष होगा, निष्ठापूर्वक आप धार्मिक कार्यकलापों को सम्पन्न करेंगे। साथ ही अवसरानुकूल सामाजिक जनों के मध्य उदारता तथा दानशीलता के भाव का भी प्रदर्शन करेंगे, फलतः सामाजिक प्रभाव तथा प्रतिष्ठा में सतत वृद्धि होती रहेगी। मर्म के आप ज्ञाता होंगे तथा गूढ़-से-गूढ़ विषय को हल करने में समर्थ होंगे।
व्यापार के प्रति आपकी विशेष रुचि होगी, इनके द्वारा आप धनवान एवं विख्यात होंगे। संगीत एवं कला में भी आप समयानुसार अपनी रुचि का प्रदर्शन करते रहेंगे। आप सांसारिक ऐश्वर्य से युक्त होंगे तथा सामान्यतया आपका जीवन सुख एवं प्रसन्नता से युक्त ही रहेगा। इस प्रकार आप शांत, उदार, हास्य प्रवृत्ति युक्त एवं विद्वान पुरुष होंगे तथा जीवन में समस्त सुखों को अर्जित करके प्रसन्नतापूर्वक उनका उपयोग करेंगे।
बुध हरित वर्ण का है, यह हल्के रंग की किरण फेंकता है। आपका शुभ रत्न ‘पन्ना’ है तथा बुधवार आपके लिए अनुकूल परिस्थितियों का परिचायक है। बुध की और अधिक शुभता प्राप्त करने के लिए आप रत्नजड़ित बुध यंत्र भी गले में धारण करें।
मिथुन राशि वालों के लिए उपाय
मिथुन राशि में उत्पन्न व्यक्तियों को विष्णु पूजन, यज्ञ व विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। बुध का रत्न ‘पन्ना’ या ‘ओनेक्स’ धारण करें। मूंग की दाल का अत्यधिक सेवन करें। जबरजद या मरगज भी धारण किया जा सकता है। बुधवार का व्रत करना भी मिथुन राशि के लोगों के लिए लाभप्रद रहता है।
मिथुन राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ मिथुन
- राशि चिह्न ‒ स्त्री-पुरुष का जोड़ा, गदा व वीणा हाथ में
- राशि स्वामी ‒ बुध
- राशि तत्त्व ‒ वायु तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ द्विस्वभाव
- राशि दिशा ‒ पश्चिम
- राशि लिंग व गुण ‒ पुरुष (कुमार)
- राशि जाति ‒ शूद्र
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ क्रूर स्वभाव, त्रिधातु प्रकृति
- राशि का अंग ‒ कन्धा
- अनुकूल रत्न ‒ पन्ना
- अनुकूल रंग ‒ हरा
- शुभ दिवस ‒ बुधवार
- अनुकूल देवता ‒ गणपति
- व्रत, उपवास ‒ बुधवार
- अनुकूल अंक ‒ 5
- अनुकूल तारीख़ें ‒ 5/14/23
- मित्र राशियां ‒ मेष, तुला, कुंभ, सिंह, कन्या
- शत्रु राशियां ‒ कर्क
- व्यक्तित्व ‒ चतुर, निडर, बुद्धिमान
- सकारात्मक तथ्य ‒ कुशल व्यापारी-व्यवसायी, वाक्पटु
- नकारात्मक तथ्य ‒ निर्मोही, आत्मकेन्द्रित, निष्ठुर