प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध तीर्थन घाटी
कुल्लू जिले के नज़दीक स्थित इस घाटी को अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में इस जगह की लोकप्रियता अभूतपूर्व रूप से बढ़ी है और यह देश एक ख़ूबसूरत पर्यटन के तौर पर दुनिया के नक़्शे पर आ गई है।
Tirthan Valley Tourist Places: हिमाचल प्रदेश में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के बिल्कुल नज़दीक एक घाटी है जिसे लोग तीर्थन घाटी के नाम से जानते हैं। कुल्लू जिले के नज़दीक स्थित इस घाटी को अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में इस जगह की लोकप्रियता अभूतपूर्व रूप से बढ़ी है और यह देश एक ख़ूबसूरत पर्यटन के तौर पर दुनिया के नक़्शे पर आ गई है।
वर्तमान में इस जगह पर हर साल सजरों की संख्या में सैलानी आते हैं और इस जगह की ख़ूबसूरती को एंजॉय करते हैं। समुद्र तल से लगभग 1600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तीर्थन घाटी से आसपास के प्राकृतिक नज़ारे देखने योग्य होते हैं। सर्दियों के मौसम में इस जगह पर आकर लोग बर्फ़बारी और साहसिक गतिविधियों का भी भरपूर मज़ा लेते हैं।
तीर्थन घाटी की ख़ास बात

यह घाटी ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से सिर्फ 3 किमी की दूरी पर स्थित हैं, जिसकी वजह से यह काफ़ी सुंदर और प्राकृतिक रूप से समृद्ध है। इस घाटी में एक नदी बहती है, जिसकी ख़ूबसूरती को देखना मन को हरभरा कर देता है। यह घाटी अपने यहाँ पाई जाने वाली ट्राउट नामक मछली के लिए भी जानी जाती हैं। इस जगह पर आने पर सलोस्केर झील ज़रूर जाएँ।
यह एक ऐसी झील है जिसका पानी हमेशा स्वच्छ रहता हैं। कहा जाता है कि इस झील में चाहे जितनी मिटटी गिर जाए, लेकिन पानी साफ ही रहेगा। इस लेख के माध्यम से हम आपको तीर्थन में घूमने के साथ साथ इस जगह पर जाने, ठहरने और पर्यटन स्थलों की पूरी पूरी जानकारी दे रहे हैं ताकि आप इस जगह को जाकर एक्सप्लोर कर सकें और अपनी आने वाली यात्रा को यादगार बना सकें।
तीर्थन वैली और आसपास के पर्यटन स्थल
जालोरी पास

तीर्थन घाटी और आसपास में घूमने के लिए अच्छी जगहों का नाम आता है तो उसमें जालोरी पास का ख़्याल सबसे पहले आता है। जालोरी पास कुल्लू जिसे से तक़रीबन 80 किमी की दूरी पर स्थित है। इस पास को कुछ लोग जालोरी दर्रा कहकर भी सम्बोधित करते हैं। इस जगह पर आने वाले लोगों की दिलचस्पी ट्रेकिंग और पिकनिक मनाने में होती है।
समुद्र तल से तक़रीबन 3120 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस जगह का व्यू इतना शानदार होता है कि यहां से पर्यटकों का वापस जाने का मन नहीं करता है। इस जगह पर आकर प्राकृतिक वातावरण, सुहाने मौसम और ख़ूबसूरत पहाड़ों का मज़ा ले सकते हैं।
जीभी
हिमालय की तीर्थन घाटी के बिल्कुल नज़दीक स्थित जीभी को अपने हरे भरे जंगल और पहाड़ों के लिए जाना जाता है। जीभी के जंगल और पहाड़ों की ख़ूबसूरती हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। जिसकी वजह से यह छोटी सी जगह एक हेमलेट के रूप में विकसित हो चुकी है और इस जगह पर हर साल हज़ारों सैलानी आते हैं। इस जगह पर आकर आपको आस पास देवदार के घने जंगलों की ख़ूबसूरती देखने को मिलेगी। इस जगह के बिल्कुल ही नज़देक एक मीठे पानी की झील है और कई सारे प्राचीन मंदिर बने हुए हैं। इस जगह पर बने विक्टोरियन शैली के कॉटेज हर किसी को आकर्षित करते हैं।
ग्रेट हिमालयन पार्क

ग्रेट हिमालयन पार्क को पूरी दुनिया में अपनी जैव विविधता और प्राकृतिक सुंदरता की वजह से जाना जाता है। तरह तरह के वनस्पतियों और जीव जंतुओं की झलक देखने को मिल जाएगी। इस पार्क की स्थापना 1999 के आसपास की गई थी। इस समय ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के अंदर 181 अलग-अलग प्रकार के पक्षी और करीब 400 से अधिक प्रकार की वनस्पतियां देखने को मिल जायेंगी। ख़ूबसूरती इतनी ज़्यादा है कि पूरी दुनिया से पर्यटक आना चाहते हैं और यहाँ के देवदार और ओक के जंगलों में आकर खो जाते हैं। इस जगह पर आकर ट्रेकिंग, कैम्पिंग और साहसिक पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों का हिस्सा बन सकते हैं।
तीर्थन वैली में फिशिंग

तीर्थन वैली को अपनी ख़ूबसूरती के साथ तरह तरह की पर्यटक गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है। तीर्थन घाटी में व्यास नदी बहती है जिसकी एक सहायक नदी भी है जिसमें सबसे ज़्यादा ट्राउट फ़ीश पाई जाती है। इस जगह पर आकर लोग मछली पकड़ने का मज़ा लेते हैं। साथ ही साथ नदी की ख़ूबसूरती का भी मज़ा लेते हैं, इस नदी में बहते निर्झर जल को देखना, उनकी कल कल ध्वनि को सुनना किसी संगीत सा फ़ील देता है। इस जगह पर स्थित नदी का रंग भूरा और इंद्रधनुष कलर का है जो लोगों को ख़ूब भाता है। यह हिमाचल प्रदेश घूमने वाले पर्यटकों के लिए यह विशेष जगह के तौर पर स्थापित हो चुकी है। जिसके कारण इस जगह पर पूरे साल पर्यटकों की आवाजाही लगी रहती है।
सेलोस्कर झील की सैर

सेलोस्कर झील को सेलोस्कर झील की सबसे ख़ूबसूरत जगहों में गिना जा सकता है। यह झील और आसपास का नज़ारा बहुत ही ख़ूबसूरत है। ज़ालोरी दर्रे के नज़दीक इस जील का पानी नीले रंग का है जिसे देखने पर ऐसा लगता है कि आसमान इस पानी में उतर आया हो। इस झील की ख़ास बात यह है कि झील का पानी कभी खराब नही होता फिर चाहे जितनी भी मिट्टी और पत्तियां इस झील के अंदर गिर जाए। समुद्र तल से 3100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस झील के पास में ही बुद्धि नागिन का प्राचीन मंदिर है।
तीर्थन वैली घूमने के लिए अच्छा समय
इस जगह पर घूमने के लिए मार्च महीने से लेकर अगस्त तक महीना सबसे अनुकूल माना जाता है लेकिन आप कभी भी आ सकते हैं। गर्मी के मौसम में इस जगह पर लोग सर्द मौसम का मज़ा लेने के लिए आते हैं तो सर्दियों में बर्फ़बारी और साहसिक गतिविधियों को एंजोय करने के लिए। गर्मी में इस जगह का मौसम ठंडा रहता है और हल्की हल्की बारिश इस घाटी के मौसम को और भी ज़्यादा ख़ुशगवार बना देती है।
तीर्थन वैली में घूमने के लिए कैसे जाएं?

तीर्थन वैली में घूमने जाने के लिए आप सड़क मार्ग, ट्रेन मार्ग और वायुयान मार्ग से कभी भी जा सकते हैं। सड़क मार्ग से आना चाहते हैं तो आप सार्वजनिक परिवहन से आप ऑट तक पहुंच जायें उसके बाद की दूरी महज़ 26 किमी की रह जाती है। जिसके लिए आपको कैब आदि को बुक करना होगा।
ट्रेन से आने के लिए कोई सीधा रास्ता नहीं है पर आप अंबाला या फिर कीरतपुर में उतरकर कैब ले सकते हैं। वायुयान से आने वाले यात्री तीर्थन के नजदीक के हवाई अड्डे भुंतर पर उतर जायें। भुंतर से तीर्थन वैली की दूरी महज़ 50 किमी रह जाती है जहां पर टैक्सी के द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं।