एक बार शनि देव बैकुंठ धाम पहुँचे । शनि देव को एक शरारत सूझी, वे भगवान विष्णु से बोले की हे भगवन बतायें की मेरी व माँ लक्ष्मी जी की चाल में से किसकी चाल सर्वश्रेष्ठ है ?
विष्णु जी परेशान, किसी की भी चाल को खराब बोला तो समस्या हो जायेगी, एक की कुदृष्टि का सामना करना पड़ेगा,और दूसरे को खराब बोला तो वैभव चला जायेगा।
तभी हरी जी को एक उपाय सूझा, वो बोले ये कौन सी बड़ी बात है अभी उत्तर देता हूँ।
आप दोनों मुझे चल कर दिखाए ।
लक्ष्मी जी व शनि देव ये जानने को उत्सुक थे कि विष्णु जी क्या उत्तर देते हैं। दोनों ने ही चल कर दिखा दिया, वा अपना अपना स्थान ग्रहण कर लिया। अब फैसले की घड़ी आ गई, हरिप्रिया बोले आप दोनों की ही चाल अतिउत्तम थी , परंतु …
परंतु क्या दोनों एक साथ बोले।
परंतु ये कि शनि देव की चाल जाते समय वा लक्ष्मी जी आप की चाल आते समय मंत्रमुग्ध कर देने वाली थी। हँसी के ठहाकों के साथ शनि देव बोले ,प्रभु आप धन्य हैं आप के पास हर प्रशन का उत्तर है ।
जी हाँ ,आती लक्ष्मी सब का मन मोह लेती है वा जाती लक्ष्मी सब को निराश कर देती है। तो आइए जानते है की लक्ष्मी प्रवेश कैसे हो —
- सब से पहले , जहाँ स्त्रियो का सम्मान होता है वहाँ लक्ष्मी का वास् होता है।
- स्वच्छ वातावरण वा साफ सफाई लक्ष्मी जी को अति प्रिय है।
- मकड़ी के जाले न लगने दे , हप्ते में एक बार नमक का पोंछा जरूर लगवाएं।
- रात को जूठे बर्तन न रखें।
- यदि सम्भव न हो तो कम से कम जूठन साफ कर दें, ताकि नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम हो जाये।
- दूध उबालते समय इस बात का ध्यान रखें कि वो गैस पर न गिरे।
- नलों से पानी न टपकता हो, पानी को बेकार न जाने दें।
- जूते चपल यथा स्थान हो वा जोड़ें में हो।
- टूटे दर्पण व बंद घड़ियों को संभाल कर न रखें, निकाल दें ।
- घर की झाड़ू को खुले में न रखें ।
ये सब छोटी छोटी बातें जाती लक्ष्मी की चाल देखने को मजबूर कर देती है । अब बात करते है आती लक्ष्मी की चाल की। उपरोक्त बातों का ध्यान रखते हुये यदि निम्न बातों को अपना ले तो लक्ष्मी प्रवेश को कोई नहीं रोक सकता —
- सुबह उठते ही अपने हाथों को आपस में जोड़ लें ततपश्चात इस मंत्र को बोलें (कराग्रे वसते लक्ष्मिः करमध्ये सरस्वति। करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम् ॥)
- सुबह खाली पेट कम से कम दो गिलास पानी का सेवन करें ।
- जब भी आप शाम को घर वापिस आये, खाली हाथ न आएं ।
- अपनी बहन ,बुआ , बेटी वा मौसी को मिलने जाये ,या वो आप से मिलने आएं तो उन्हें मीठा या फल अवश्य दें।
- उत्तर की दीवार पर धन की या कुबेर जी की फोटो लगायें ।अन्यथा सुन्दर सा दर्पण या घड़ी लगायें।
- दक्षिण दिशा में संकट मोचन हनुमान जी की (पर्वत ले जाते हुये )फोटो लगायें ।
- अपनी सीढ़ियों को साफ रखें ,व इनके नीचे कुछ न रखें ।
- लक्ष्मी जी का वास् वही होता है जहाँ विष्णु जी का वास् हो, पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की कथा करवाना या स्वयं पढ़ना शुभ होता है।
- घर व ऑफिस में बैठी हुई लक्ष्मी जी का चित्र ही लगायें ।
शुभम् अस्तु ।