अगर कपड़े बोल पाते…-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी: Hindi Funny Story
Agar Kapde Bol Paate...

Hindi Funny Story: मेमसाब ये टी-शर्ट तो मेरे बेटे को आ जायेगी-रेखा ने झिझकते हुए कहा जब साफ सफाई के लिए मालिनी ने उसे सोनू की टी-शर्ट दी।
“अच्छा तो इसे तुम ले जाना……मैं सफाई के लिए दूसरा कपड़ा देती हूँ”-मालिनी
रेखा ने घर जाकर वो टी-शर्ट अपने बेटे पिंकू को दिखायी।
“माँ……..मैं इसे खास मौकों पर ही पहना करूंगा……देखो इसमें तो एक भी छेद नहीं है-पिंकू खुश होकर टी-शर्ट अलमारी में रख देता है”।
ब्रांडेड टी-शर्ट देखकर 2-3 फटी पुरानी टी-शर्ट सतर्क हो जाती हैं।
“अरे भई… तुम तो अच्छे घर से लगती हो…यहाँ बस्ती में कैसे रहोगी”?
“यहाँ आकर मुझे बहुत अच्छा लगा….जिस तरह पिंकू ने मुझे अहमियत दी….इज्जत दी…..सोनू की रोज की दुत्कार से अस्तित्व छिन गया था मेरा…..हीन भावना घर करने लगी थी मन में लेकिन आप लोगों से मिलकर फिर से एक आत्मविश्वास जागा है।
अब मुझे एक बात तो समझ आ गयी….”जहां” इज्जत नहीं “वहां” जाना नहीं। आप सब मुझसे दोस्ती करोगे?
हाँ…. हाँ क्यों नहीं- सब एक साथ चिल्लाए।