जब मै छोटा बच्चा था

बात तब की है जब मैं दस साल की थी। हम सब बच्चे आंख-मिचौली खेल रहे थे। सब अपनी-अपनी जगह छुप गए। मैं भी छुपने के लिए बगीचे के एक पेड़ पर चढ़ गई, लेकिन नीचे देखकर मैं डर गई और पेड़ पर ही बेहोश हो गई। धीरे-धीरे सब बच्चे मिल गए लेकिन मैं नहीं मिली। काफी देर हो गई तो मेरी खोज होने लगी। सब जगह मेरी खोज-खबर पहुंच गई। मम्मी-पापा ने सभी रिश्तेदारों को फोन कर दिया। हारकर उन्होंने पुलिस को भी बुला लिया। पुलिस बच्चों से पूछताछ करने लगी। जब काफी देर के बाद मुझे होश आया तो मैंने देखा कि सब मेरा नाम लेकर रो रहे थे और पुलिस वाले उन्हें सांत्वना दे रहे थे। मैं घबरा गई और मैंने रोते-रोते कहा कि मैं यहां हूं। मुझे पेड़ पर देखकर पापा ने खुश होकर मुझे पेड़ से नीचे उतारा। मैं पापा के गले लगकर रोने लगी। आज भी जब मेरे बच्चे आंख-मिचौली खेलते हैं तो मुझे अपना बचपन याद आ जाता है।

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