कैसे हो सकता है एक्वायर्ड प्लेटलेट फंक्शन डिसऑर्डर का इलाज, जानिए
एक्वायर्ड प्लेटलेट फंक्शन डिसऑर्डर जन्मजात नहीं होते हैं। इस समस्या से पीड़ित लोगों के प्लेटलेट सही से काम नहीं करते हैं। जानिए क्या हैं इसके लक्षण।
Acquired Platelet Function Disorder: प्लेटलेट शरीर में सबसे छोटे ब्लड सेल्स होते हैं और यह ब्लीडिंग को रोकने के लिए शरीर में क्लॉट्स बनाते हैं। प्लेटलेट बोन मैरो में बनते हैं, जो हड्डियों का स्पॉन्जी सेंटर है। प्लेटलेट माइक्रोस्कोप में देखने पर यह छोटी प्लेट जैसे दिखाई देते हैं और इनका एक अन्य नाम थ्रोम्बोसाइट्स भी है। कुछ लोगों के प्लेटलेट उस तरह से काम नहीं करते हैं, जैसे उन्हें करना चाहिए। इस समस्या को प्लेटलेट फंक्शन डिसऑर्डर के नाम से जाना जाता है। ऐसे डिसऑर्डर जन्मजात होते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं है। जो प्लेटलेट फंक्शन डिसऑर्डर जन्मजात नहीं होते, उन्हें एक्वायर्ड प्लेटलेट फंक्शन डिसऑर्डर कहा जाता है। यह डिसऑर्डर दवाईयों, बीमारियों या किसी खास फूड से हो सकते हैं। इस समस्या के इलाज से पहले जान लेते हैं इसके लक्षणों के बारे में।
एक्वायर्ड प्लेटलेट फंक्शन डिसऑर्डर के लक्षण
इस डिसऑर्डर के लक्षण हर किसी के लिए अलग हो सकते हैं। यह माइल्ड भी हो सकते हैं तो गंभीर भी। एक्वायर्ड प्लेटलेट फंक्शन डिसऑर्डर के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- शरीर पर बिना किसी कारण नील पड़ना
- नाक, मुंह या मसूड़ों से ब्लीडिंग
- मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग का अधिक और लंबे समय तक होना
- स्किन के नीचे ब्लीडिंग होना
- मसल्स और जोड़ों में ब्लीडिंग
- उल्टी या मल में खून आना
- इंटरनल ब्लीडिंग
- स्किन पर छोटे लाल बम्प्स
एक्वायर्ड प्लेटलेट फंक्शन डिसऑर्डर के तीन मुख्य कारण माने गए हैं- दवाईयां, बीमारी और फूड। यह प्रॉब्लम सप्लीमेंट्स के कारण भी हो सकती है। प्लेटलेट शरीर के फंक्शन विभिन्न तरीकों से प्रभावित कर सकते हैं। शरीर प्लेटलेट्स को कैसे संकेत देता है, इसमें भी बदलाव हो सकते हैं या प्लेटलेट्स कम स्टिकी हो सकते हैं। प्लेटलेट डिजीज क्लॉटिंग प्रोसेस के अन्य चरणों को भी प्रभावित कर सकती है।

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एक्वायर्ड प्लेटलेट फंक्शन डिसऑर्डर का उपचार
इस कंडिशन के उपचार के बहुत से तरीके मौजूद हैं। डॉक्टर किस तरीके को रोगी के लिए चुनते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि क्या वो ब्लीडिंग को जल्दी बंद करना चाहते हैं या उन कंडिशंस का उपचार करना चाहते हैं, जो क्लॉटिंग प्रॉब्लम का कारण बन रही है या फिर सर्जरी के दौरान ब्लीडिंग का जोखिम कम करना चाहते हैं। जानिए इनके बारे में:
ब्लीडिंग को कंट्रोल करना
डॉक्टरों के पास ब्लीडिंग को बंद करने के कई विकल्प होते हैं। वो रोगी को डोनेट किए प्लेटलेट्स को चढ़ा सकते हैं। वो एक क्लॉटिंग फैक्टर की सलाह दे सकते हैं, ताकि ब्लड को क्लॉट बनने में आसानी हो। कई बार एक ड्रग जिसे डेस्मोप्रेसिन कहा जाता है, वो भी दी जा सकती है। इस तरीके से जल्दी लेकिन कम समय में क्लॉटिंग की क्षमता बढ़ती है।

अंडरलायिंग कंडिशंस का उपचार
अगर आपको ब्लीडिंग नहीं हो रही है, तो डॉक्टर आपको भविष्य में ब्लीडिंग से बचाने के बारे में सोच सकते हैं। यह आसान भी हो सकता है, अगर इसका कारण रोगी द्वारा ली जाने वाली दवा या सप्लीमेंट है। इस दवा या सप्लीमेंट को लेना बंद करने से इस समस्या से राहत मिल सकती है। लेकिन, किसी अंडरलायिंग डिजीज की स्थिति में इसका निदान और उपचार दोनों बेहद जरूरी हैं। कई बार प्लेटलेट डिसऑर्डर के कारणों का उपचार संभव नहीं होता है। इन मामलों में डॉक्टर लक्षणों को मैनेज करने पर फोकस कर सकते हैं।
सर्जरी से पहले ब्लीडिंग रिस्क को कम करना
अगर आपको एक्वायर्ड प्लेटलेट फंक्शन डिसऑर्डर है, जो इसके बारे में सर्जरी से पहले डॉक्टर से बात करना जरूरी है। ऐसे में, ब्लीडिंग के रिस्क को कम करने के कई तरीके हैं। डॉक्टर रोगी के नेचुरल क्लॉटिंग फैक्टर्स और प्लेटलेट्स को दवाईयों के साथ बढ़ा सकते हैं। गंभीर मामलों में सर्जरी से पहले, दौरान या बाद में प्लेटलेट के इन्फ्यूजन की जरूरत भी हो सकती है।