Shabana Azmi Movies: बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक अदाकाराएं हैं जिन्हें दर्शकों ने बहुत प्रेम दिया है। उनके अभिनय की सराहना हर दौर में होती है। ऐसी ही एक बेहद मक़बूल अदाकारा हैं शबाना आज़मी। आज शबाना आज़मी का 73 वां जन्मदिन है। इस मौके पर उनके द्वारा निभाए गए बेहतरीन किरदारों पर बात न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। उनकी फिल्में बहुत पसंद की जाती हैं फिर चाहे वो फायर हो , अर्थ हो , मासूम हो , स्पर्श हो या फिर स्वामी। ये सभी उनकी बेहतरीन फिल्में हैं। तो चलिए बात करते हैं शबाना आज़मी के उन किरदारों के बारे में जिन्हें भूल पाना नामुमकिन है।
मंडी

फिल्म मंडी में शबाना आज़मी ने एक ऐसी दबंग महिला का किरदार निभाया है जो कि एक वैश्यालय चलाती है। फ़िल्म में इतना बेहतरीन हैदराबादी लहजा बोला गया है। जिसकी बहुत तारीफ की गयी थी। रुक्मिणी बाई बनी शबाना जिस तरह अपनी लड़कियों को डांटती फटकारती हैं वो कमाल है। फ़िल्म का वो दृश्य जिसमें रुक्मिणी बाई अपने बालों को संवारते हुए आईने में देखते हुए गाती है ‘काला कपड़ा पेनो न’। शबाना की आवाज़ में इस गाने को बेहद पसंद किया गया था।
स्वामी

फ़िल्म ‘स्वामी’ में शबाना आज़मी ने सौदामिनी का किरदार निभाया है। एक ऐसी स्वतंत्र ख्यालों वाली लड़की जो अच्छी पढ़ी लिखी है और उसका एक प्रेमी है लेकिन उसका विवाह प्रेमी से न होकर किसी और व्यक्ति से हो जाता है। शबाना ने इसे बखूबी निभाया है। एक नई नवेली दुल्हन को अपने पति के प्रति अपमान देखकर कैसा महसूस होता है इसे बखूबी दिखाया गया है। फ़िल्म का दृश्य है जिसमें मिनी घर छोड़कर अपने प्रेमी के साथ चली जाती है। लेकिन जब वो स्टेशन पर बैठी होती है तब अपने पति का सरल स्वाभाव उसके मन में घूमने लगता है। फिर जब मिनी पति को अपने पास आते देखती है तो उसे अहसास होता है कि वो ग़लत थी। ग़लती का ये भाव जो शबाना के चेहरे पर होता है उसे देखकर किसी की भी आँखें नम हो जाएं।
स्पर्श

फ़िल्म ‘स्पर्श’ में शबाना ने एक टीचर कविता का किरदार निभाया है जो कि दृष्टिहीन बच्चों को पढ़ाती है। बच्चों से कविता का लगाव बढ़ जाता है। ये स्कूल अनिरुद्ध का होता है जो कि ये स्कूल चलाते हैं। जो कि खुद भी देख नहीं सकते हैं। वो कविता को स्कूल आने से मना कर देते हैं। दोनों के बीच लगाव बढ़ जाता है। दोनों की अलग सोच के कारण उनका ये रिश्ता नहीं चलता। शबाना आज़मी ने फ़िल्म में बेहद सरल तरह से इस कविता के किरदार को निभाया है।