मधु गोयल

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पूजा में दाहिने हाथ का इस्तेमाल क्यों किया जाता है? जानें: Hinduism Right Hand

हिंदू धर्म में शरीर के दाएं हिस्से को काफी शुभ माना जाता है। यही कारण हैं कि घर से बाहर निकलते समय दायां पांव पहले रखने की सलाह दी जाती है। ऐसे ही जानें पूजा में दाहिने हाथ महत्व-

हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य के लिए हमेशा दाएं हाथ का ही इस्तेमाल होता है। दरअसल हिंदू धर्म शास्त्रों में इस हिस्से को शुभ माना गया है। वहीं बाएं हाथ का प्रयोग अशुभ माना जाता है।

दाहिना हिस्सा है शुभ

दाहिने हाथ पर सूर्य नाड़ी का प्रतिनिधित्व माना गया है। यही कारण है कि हर एक काम जिसमें ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है उसमें दाहिने हाथ का इस्तेमाल किया जाता है। 

सूर्य नाड़ी का प्रतिनिधित्व

बायां हाथ चंद्र नाड़ी का प्रतीक होता है। जिसके लिए कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए इस हाथ से वो काम करने की सलाह दी जाती है, जिसमें कम ऊर्जा की आवश्यकता हो। 

बायां हाथ क्यों नहीं

दाएं हाथ से पूजा-पाठ करने पर जोर दिया जाता है। दाएं हाथ से शुभ काम करने से सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। इस हाथ के पूजा करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।

सकारात्मक ऊर्ज

विज्ञान की मानें तो एक व्यक्ति के शरीर का दायां भाग बाएं हिस्से से काफी ज्यादा मजबूत होता है। क्योंकि बाएं हिस्से में मनुष्य  का दिल होता है जिसके कारण वह हिस्सा काफी नाजुक होता है।

क्या कहता है विज्ञान 

ज्यादातर लोग शौच आदि के लिए बाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं। धार्मिक कार्यों में स्वच्छता को प्राथमिकता दी जाती है। इसलिए भी इस हाथ से पूजा-पाठ करना शुभ नहीं माना जाता।

शुद्ध नहीं बायां हिस्सा

मधु  गोयल

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