सुनैना
09 अप्रैल 2024 मंगलवार के दिन से चैत्र नवरात्रि का महापर्व प्रारंभ हो रहा है। 16 अप्रैल को महाष्टमी यानी अष्टमी तिथि का दिन रहेगा।
इस दिन दुर्गा माता के 8वें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। यदि आप पर किसी भी प्रकार का संकट चल रहा है तो इस दिन ये कुछ उपाय करें।
कई लोगों के यहां सप्तमी, अष्टमी या नवमी के दिन व्रत का समापन होता है, तब अंतिम दिन हवन किया जाता है। अष्टमी के दिन हवन करना शुभ होता है।
हवन
जब व्रत के समापन पर उद्यापन किया जाता है तब कन्या भोज कराया जाता है। अष्टमी पर 9 कन्याओं को भोजन कराने के बाद दक्षिणा देनी चाहिए।
कन्या भोज
माता को इस दिन लाल चुनरी अर्पित करनी चाहिए। आप चाहें तो 5 प्रकार के सूखे मेवे लाल चुनरी में रखकर माता रानी को अर्पित कर सकते हैं।
लाल चुनरी
अष्टमी के दिन मात रानी की कृपा प्राप्त करने के लिए देवी मंदिर में लाल रंग की ध्वजा अर्पित करें, चाहें तो मंदिर के गुंबद पर भी लगा सकते हैं।
लाल ध्वज
अष्टमी के दिन मंदिर में जाकर मखाने, बताशे के साथ सिक्के मिलाकर देवी को अर्पित करें। इसके साथ ही देवी को मालपुए और खीर का भोग लगाएं।
भोग लगाएं
इस दिन सुहागिन स्त्री को चांदी की बिछिया, कुमकुम की डिबिया, पायल, अम्बे माता का चांदी का सिक्का और अन्य श्रृंगार की सामग्री भेंट करें।
श्रृंगार का सामान
सुनैना