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Ahoi Ahstami 2023

कब है अहोई अष्टमी व्रत? जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व

अहोई अष्टमी का व्रत दिवाली से आठ दिन पहले आता है। कार्तिक मास में आठवें दिन पड़ने की वजह से इस व्रत को अहोई आठे भी कहते हैं।

इस दिन शिव और पार्वती की पूजा के साथ पूरे शिव परिवार की पूजा की जाती और कथा सुनने का भी विशेष महत्व होता है।

अहोई अष्टमी हिंदू समुदाय, विशेषकर माताओं के लिए गहरा सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखती है। इसे माताएं बड़ी श्रद्धा और प्रेम से मनाती हैं।

इस साल यह त्यौहार 5 नवंबर दिन रविवार को मनाया जाएगा। पूजा का समय शाम 5 बजकर 33 मिनट से 6 बजकर 52 मिनट तक है।

इस दिन माताएं सुबह जल्दी उठती हैं, स्नान करती हैं, देवी अहोई माता की पूजा करती हैं और उपवास भी रखती हैं।

अहोई अष्टमी का व्रत माताएं अपने बच्चों की भलाई और लंबी उम्र के लिए देवी अहोई माता का आशीर्वाद और सुरक्षा पाने के लिए करती हैं।

अहोई अष्टमी का त्योहार एक माँ और उसके बच्चे के बीच के रिश्ते के बारे में है। जिन महिलाओं के संतान नहीं है उन्हें यह व्रत जरूर रखना चाहिए।

ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और अहोई माता की पूजा करने से बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य, दीर्घायु और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

अहोई अष्टमी का त्योहार समुदाय के सदस्यों के बीच एकता, सौहार्द और आपसी सम्मान की भावना को बढ़ावा देता है।

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