दोपहर में सोने के फायदे और नुकसान

निक्की मिश्रा

Health

दोपहर में सोने को "पावर नैप" या "दोपहर की नींद" कहा जाता है, कई लोगों के लिए एक रिफ्रेशिंग अनुभव हो सकता है। आइए जानते हैं इसके फायदे और नुकसान-

एक छोटी झपकी दिन के बीच में थकान को दूर करती है और आपको तरोताजा महसूस कराती है।

एनर्जेटिक

दोपहर की नींद से आपका ध्यान और एकाग्रता बढ़ती है, जिससे आपके काम करने की क्षमता में सुधार होता है।

मानसिक स्पष्टता

थोड़ी देर सोने से तनाव कम होता है और मूड अच्छा होता है, जिससे आप अधिक सकारात्मक महसूस कर सकते हैं।

मूड में सुधार

कुछ शोधों के अनुसार, दोपहर में नियमित रूप से सोने से हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो सकता है।

हृदय स्वास्थ्य

दोपहर में थोड़ी देर की नींद आपकी मेमोरी को बेहतर बनाती है, खासकर अगर आपने दिनभर में नई जानकारी सीखी हो।

याददाश्त में सुधार

अगर आप बहुत देर तक या नियमित रूप से दोपहर में सोते हैं, तो रात की नींद में परेशानी हो सकती है।

रात की नींद पर असर

 कुछ लोग दोपहर की नींद के बाद खुद को और भी ज्यादा सुस्त और थका हुआ महसूस कर सकते हैं, खासकर अगर नींद ज्यादा लंबी हो।

थकान और सुस्ती

जो लोग पहले से अनिद्रा या नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं, उनके लिए दोपहर की नींद इस समस्या को बढ़ा सकती है।

अनिद्रा की समस्या

कभी-कभी दोपहर की लंबी नींद के बाद उठने पर आप थोड़ा भ्रमित या "स्लीप इनर्शिया" महसूस कर सकते हैं।

भ्रमित महसूस करना

हमेशा दोपहर को सिर्फ 20  से 30 मिनट सोएं। इससे अधिक सोने से आपको रात में नींद आने में परेशानी हो सकती है।

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निक्की मिश्रा

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