श्वेता
लड्डू गोपाल की सेवा और पूजा लोग पूरे श्रद्धा भाव से करते हैं और यही नहीं उन्हें नियमित रूप से स्नान भी करवाते हैं।
सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक लड्डू गोपाल की पूजा और सेवा के अलग नियम बनाए गए हैं। लड्डू गोपाल की पूजा एक परंपरा है।
भक्तजन अक्सर लड्डू गोपाल को सुंदर और साफ कपड़े पहनाते हैं, उन्हें त्योहारों या किसी विशेष अवसर पर नए वस्त्र पहनाने की प्रथा भी है।
लड्डू गोपाल के वस्त्रों पर हमेशा ईश्वर का आशीर्वाद जुड़ा होता है। इसलिए उन वस्त्रों को अत्यधिक देखभाल और सम्मान के साथ संभाला जाना चाहिए।
लड्डू गोपाल के वस्त्र कहीं से फट जाते हैं तो उन्हें दोबारा सिलकर या उनके मोतियों या गोटे को दोबारा सिलकर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
दरअसल फटे वस्त्र खंडित माने जाते हैं इसलिए भगवान की किसी भी मूर्ति को खंडित वस्त्र न पहनाने की सलाह दी जाती है।
हमारे मन में कई बार ये सवाल उठता है कि तो फिर हमें लड्डू गोपाल के पुराने वस्त्रों का क्या करना चाहिए? आइये जानते हैं-
लड्डू गोपाल के पुराने वस्त्रों को आपको सम्मानपूर्वक जमीन के नीचे कम एक कम एक फिट की गहराई में गाड़ देना चाहिए।
लड्डू गोपाल के पुराने वस्त्रों को आप फेंकने की बजाय इन्हें घर या मंदिर की सजावट में इस्तेमाल कर सकती हैं।
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