प्रतिमा सिंह
यदि मां और बाप दोनों को अस्थमा की समस्या होती है तो बच्चे को 50% अस्थमा होने के चांसेस होते हैं। अस्थमा के लक्षण बचपन में ही दिखने लग जाते हैं।
बच्चों में यह आसानी से उत्पन्न हो जाता है क्योंकि बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरे तरीके से विकसित नहीं हुआ होता है। इसलिए इनके फेफड़े इजीली संक्रमित हो जाते हैं।
बच्चों में अस्थमा के कारण
अस्थमा से पीड़ित बच्चों को खांसी की समस्या बनी रहती है। सुबह उठने फर ज्यादा खांसी आने लगती है। ज्यादा एक्साइटेड होने या जोर से हंसने पर भी खांसी आने लगती है।
बार-बार खांसी आना
इन बच्चों को सांस लेने में काफी दिक्कत होती है एवं सांस लेने के लिए इन्हें कभी-कभी बहुत मशक्कत करनी पड़ती है। सीढ़ियां चढ़ते या साइकिलिंग करते हुए थक जाते हैं।
बच्चे में सांस फूलने की समस्या
छाती में कसाव महसूस होना भी अस्थमा का एक लक्षण है। अस्थमा एक सांस से संबंधित बीमारी है और इसमें सांस लेने के समय छाती के हिस्से में तनाव महसूस होना आम है।
छाती में कसाव महसूस होना
सोते वक्त बच्चों के सीने से घरघराहट या सीटी जैसी आवाज सुनाई दे या उसको सांस लेने में कहीं पर अवरोध महसूस हो रहा है तो अस्थमा के लक्षणों में से एक मुख्य लक्षण है।
सांस लेते समय घरघराहट की आवाज
बच्चा यदि धूल-धक्कड़ और धुएं से एलर्जिक है तो यह भी अस्थमा का एक लक्षण माना जा सकता है। यह बच्चे श्वसन से जुड़ी समस्याओं से जल्दी ग्रसित हो जाते हैं।
धूल और धुएं से एलर्जिक
सुनैना