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प्रेम की प्यासी – राजेन्द्र पाण्डेय

Hindi Hot story : पराए पुरूष से लगाव Hindi Hot story : मेरा गोरा रंग, बोलती आंखें, कंधों तक बलखाते बाल, चौड़ी छाती, पतली कमर और चिकनी सुडौल जांघे सभी को लुभाती थी। पुरुष मेरे सौंदर्य को देखकर कहते-‘यह लड़की तो किसी रसगुल्ले से कम मुलायम और रसदार नहीं है। इसे देखने मात्र से ही […]

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गृहलक्ष्मी की कहानियां : एक अनोखा बंधन

अविनाश को ऑफिस से छुट्टी नहीं मिली थी। इसलिए हम शादी में सिर्फ दो दिन पहले ही पहुंचे। ऑटो से उतरते ही कई जोड़ी आंखें हमारी ओर उठ गईं । उन आंखों ने हमें, खासकर मुझे देखकर आपस में खुसर-फुसर शुरु कर दी।

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प्यार की खुशबू – राजेन्द्र पाण्डेय भाग- 2

Hot Story in Hindi- प्यार की खुशबू – राजेन्द्र पाण्डेय Hot Story in Hindi : दूसरे दिन पापा घर आ गए। उनके आते ही मम्मी ने मायके जाने का मन बना लिया। वह मुझे भी अपने साथ ले जाएगी, यह सोचकर मैं मन ही मन खुश हो रही थी। लेकिन वह मुझे अपने साथ नहीं […]

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पराए पुरूष से लगाव – राजेन्द्र पाण्डेय भाग-1

Hot Hindi Stories – पराए पुरूष से लगाव Hot Hindi Stories : मेरा गोरा रंग, बोलती आंखें, कंधों तक बलखाते बाल, चौड़ी छाती, पतली कमर और चिकनी सुडौल जांघे सभी को लुभाती थी। पुरुष मेरे सौंदर्य को देखकर कहते-‘यह लड़की तो किसी रसगुल्ले से कम मुलायम और रसदार नहीं है। इसे देखने मात्र से ही […]

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डोन्ट बी सिली-21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां चंडीगढ़

दोनों ही पति-पत्नी बेटे के कैरियर को लेकर बहुत महत्त्वाकांक्षी थे। अभी कुल पाँच साल का ही हुआ था उनका बेटा। शिखर नाम भी उसका उन्होंने रखा था। शिखर के घर में उसे कम्प्यूटर सिखाने के लिए एक शिक्षक आता था तो व्यक्तित्व विकास का प्रशिक्षण देने के लिए दूसरे शहर के नामी स्कूल में […]

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मल्लाह-21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां चंडीगढ़

एक बार की बात है की एक देश का राजा था। आम राजाओं जैसा। उसकी एक रानी थी आम रानियों की तरह बहुत सुन्दर। उसका एक मल्लाह था। आम मल्लाहों जैसा। राजा को समुन्द्र में किश्ती में सैर करने का बहुत शौक था। राजा सिर्फ अपने उसी वफादार मल्लाह को ही साथ ले कर जाता […]

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खिलती कलियाँ-21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां चंडीगढ़

बड़े से घर के आंगन में दो बच्चियाँ भाग-भाग कर एक-दूसरे को पकड़ती, छुड़वाती फिर पकड़ने का प्रयास करती ऐसे लग रही थीं जैसे किसी बाग में दो तितलियां एक-दूसरे का अनुसरण कर अटखेलियाँ करती नज़र आती हैं। इन दोनों बच्चों में से एक है “मुस्कान” जो कि सात बरस की होगी और दूसरी है […]

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पानी बचाओ..-21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां चंडीगढ़

मयंक घर पहुँचा तो बड़ा ही अनमना-सा लग रहा था। बैग रख सीधा बाथरूम में दौड़ा। “माँ- माँ”, उसकी आवाज़ सुनकर माँ दौड़ी आई। “क्या हुआ?” “माँ देखो हमारा नल लीक कर रहा है, और कई दिनों से कर रहा है। आपको पता नहीं माँ, हम कितना पानी वेस्ट कर चुके हैं। पता तब चलेगा […]

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एक था सुखदेव-21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां चंडीगढ़

एक नगर में एक विधवा औरत रहती थी। उसका एक छोटा-सा पुत्र था। जिसका नाम सुखदेव था। सुखदेव सरकारी स्कूल में दूसरी कक्षा में पढता था। वह पढ़ने में अच्छा था। मगर गरीब होने के कारण उसके पास तरह-तरह के कपड़े, खिलौने नहीं थे और न ही उसके पास अपने साथियों की तरह टॉफी, चॉकलेट […]

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कुमुदिनी- 21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां चंडीगढ़

चौधरी मेडिकल स्टोर से ही लोअर बाज़ार शुरू हो जाता था। पम्मी बड़े गर्व से बतलाता था कि यह उसकी दुकान है। हालाँकि स्कूल का रास्ता हाईवे से होकर जाता था, पर लोअर बाज़ार से जाना इसलिए जरूरी था कि मनसा राम की हट्टी रास्ते में पड़ती थी। उसकी भुनी हुई मूंगफलियाँ और गुड़ से […]