आज के बच्चों की जिंदगी कार्टून चरित्रों में इस कदर उलझ कर रह गई है कि वह बड़ों की इज़्जत करना भूल गए हैं साथ ही इससे उनमें हिंसक प्रवृत्ति और मानसिक बिमारियां
भी बढ़ती जा रही हैं।
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