Types of father : पिता वह सूरज है,जो सुबह पक्षियों के कलरव के साथ शुरू करता है धरती पर हलचल,दोपहर में तपता है और ,शाम को धीरे से चाँद के लिए छोड़ देता है रास्ता.” 

“पिता वह चाँद है जो बच्चे के बचपने में रहता है पूनम का,तो धीरे धीरे घटता जाता है जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है “ये तो हुई लेखक की कल्पना,आईए देखें पिता कितने प्रकार के होते हैं 

1-ऑफ़िस लाइफ़ में बिज़ी पिता-कुछ पिता अपनी ऑफ़िस लाइफ़ और दिनचर्या में इतने व्यस्त रहते हैं की अपने बच्चों के लिए थोड़ा भी समय नहीं निकाल पाते.बस वो और उनका दफ़्तर.

2-बच्चों के हर मामले में हस्तक्षेप करने वाले पिता-ऐसे पिता बच्चे की हर गतिविधि पर गिद्ध दृष्टि रखते हैं.बच्चे की जो बातें उन्हें नहीं जँचती ,उन बातों के लिए ,बच्चे को समझा बुझाकर,या डाँट फटकार कर मनवाने की कोशिश करते हैं.ज़ाहिर है आज की जेनरेशन को ये सब पसंद नहीं होता.डाँट फटकार,सवाल जवाब के साथ बच्चे को थोड़ा स्पेस भी देना चाहिए.

3-सारी पावर अपने हाथ में रखने वाले पिता-कुछ पिता सारी पावर अपने हाथ में रखते हैं.हर निर्णय (चाहे सही हो या ग़लत)स्वयं लेते हैं.ऐसे घरों में पत्नियों के पास न पावर होती है न ही निर्णय लेने का अधिकार.बच्चे हर समय अपने पिता से डरे और सहमे रहते हैं और माँ से कोई बात शेयर नहीं कर पाते.

4-आदेश देने वाले पिताऐसे पिता  ये चाहते हैं कि उनके बच्चे उनकी हर बात मानें.या तो बच्चे अपनी मर्ज़ी से उनकी बात मान लें नहीं तो उनसे ज़बरदस्ती बात मनवा ली जाती है.ऐसे पिता के बच्चों के भीतर ही भीतर क्रोध पनपने लगता है और वे आगे चलकर अत्यधिक ग़ुस्सैल बन जाते हैं

5-दयालु और विनम्र पिता- ऐसे पिता अपने बच्चों को ख़ुश देखना चाहते हैं और ये चाहते हैं कि उनके बच्चेउन्हें पसंद करें और उनके साथ सहज रहें.इसलिए ये पिता किसी तरह के नियम और आदेश नहीं बनाते.

6-बच्चों की हर डिमांड पूरी करने वाले पिता-बच्चे ने कोई डिमांड की नहीं( कभी कभी तो उनकी डिमांड करने के पहले ही) तुरंत पूरी कर देते हैं.ऐसे बच्चों की डिमांड और अपेक्षाएँ बढ़ती ही जाती हैं और जब कभी उनकी अपेक्षा परिवार,समाज,या जीवनसाथी पूरी नहीं कर पातातो वे अवसादग्रस्त या विद्रोही हो जाते हैं.

7-कभी नम्र तो कभी क्रोधी-ऐसे पिता ,जब तक उनके बच्चे उनकी बात मानते रहते हैं तब तक काफ़ी विनम्र होते हैं,लेकिन जैसे ही उनके बच्चे ने उनकी बात मानने से इंकार किया ये अपना रौद्र रूप धारण कर लेते हैं

8-अपनी ज़िम्मेदारी न समझने वाले पिता-ऐसे पिता ,सिर्फ़ पैसा कमाने,और बच्चे को अच्छा स्कूल,कपड़े और  बेहतर खाना प्रदान करने को ही अपनी ज़िम्मेदारी मान कर चलते हैं. ये पिता बच्चों के साथ अपना भावनात्मक रिश्ता नहीं बनाते,जिसकी वजह से इनके बच्चे ,आगे चलकर इनसे मानसिक तौर पर दूर हो जाते हैं.

9-लोकतांत्रिक पिता-ये पिता अपने बच्चों को अपना दोस्त बना लेते हैं.और उन्हें अपने निर्णय स्वयं लेने देते हैं.हर क़दम पर उनका साथ एक दोस्त की तरह देते हैं,जहाँ ग़ल्ती है वहाँ समझाते हैं और उनके अच्छे काम के लिए शाबाशी भी देते हैं.ऐसे बच्चों के स्वाभिमान और आत्मविश्वास की तुलना किसी अन्य से नहीं की जा सकती.

10-पनिश्मेंट देने वाले पिता-ये पिता अत्यधिक तार्किक होते हैं.अगर उनके बच्चे ने कोई अच्छा काम किया है,पढ़ाई में अच्छे नंबर लाया है तो उसे ज़रूर अवॉर्ड या गिफ़्ट देंगे.वहीं अगर उसकी कोई शिकायत उनके पास पहुँची है या उसने कोई बदतमीजी की है तो उसे पनिश्मेंट देने में भी देर नहीं करते.

11-गुड बॉय या गर्ल बनाना-इस तरह के पिता का एक ही उद्देश्य होता है कि वे अपने बेटे या बेटी को ‘गुड बौय’ या ‘गुड गर्ल’ बनाकर ही रहेंगे.हर समय अपने बच्चों में कमियाँ निकालना,अन्य बच्चों के साथ उनकी तुलना करना,ये इस टाइप के पिता के क़ौमन लक्षण हैं.

12-बच्चों के लिए टाइम का अभाव-जिस घर में बच्चे मेड के हाथ में पलते हैं या क्रेच में अपना समय गुज़ारते हैं,वहाँ आप ऐसे पिता को देख सकते हैं.ये ख़ुद दफ़्तर के काम में व्यस्त रहते हैं और इनकी पत्नियाँ भी या तो नौकरी करती हैं या सोशलसर्विस में व्यस्त रहती हैं.इनकी शामें भी क्लब  या घूमने फिरने में व्यतीत होती हैं. बच्चे क्या कर रहे है इसकी फ़िक्र इन्हें बिल्क़ुल नहीं होती.

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