अपने बच्चे के कमरे की सजावट को लेकर मां ज्यादा उत्साहित रहती हैं। उसके कमरे को वे इस तरह सजाना चाहती हैं कि कमरा सपने से कम न लगे। बच्चे का कमरा ही उसके सपने देखने की जगह है। यहीं वह अपने सपनों को हकीकत में तब्दील करने की नींव तैयार करता है। हम अपने बच्चे के कमरे को तैयार करते समय रंगों के साथ यह भी ध्यान रखते हैं कि उसे किन चीजों की जरूरत है और किन चीजों की नहीं। लेकिन यह नहीं सोचते कि यदि बच्चे का कमरा वास्तु अनुकूल होगा तो उसके सपनों को हकीकत में बदलने में न तो देर होगी और न ही मुश्किलों का सामना करना होगा।

पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम
महावास्तु की मानें तो बच्चों के बेडरूम के रंग और इंटीरियर का निर्णय पंच तत्वों और दिशाओं की शक्ति को ध्यान में रखकर करना चाहिए। यदि बच्चे का कमरा पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम वास्तु जोन में है तो आपको उसके कमरे में हल्का ब्लू, ग्रे और सफेद रंग का इस्तेमाल करना चाहिए। चाहे दीवारों पर रंग करवाना हो या परदे, चादर वगैरह का इस्तेमाल हो। इस दिशा वाले कमरे में इन्हीं रंगों का इस्तेमाल किया जाए, तो यह सकारात्मक ऊर्जा लेकर आएगा। यदि आपका इरादा वहां वॉल पेपर लगाने का है तो गोलाकार डिजाइन वाले वॉल पेपर सही रहेंगे। यदि आप अपने नन्हे की रचनात्मकता को बढ़ावा देना चाहते हैं तो आकाश और आकाशीय निकायों वाले वॉल पेपर लगाएं। यहां स्टडी टेबल भी रख सकते हैं। कमरे में ऑफ व्हाइट, हल्का पीला और सुनहरे रंग का प्रयोग करना चाहिए। इस दिशा वाले कमरे में लाल और हरे रंग के शेड्स के इस्तेमाल से परहेज करना सही रहेगा। यदि आप यहां अपने बच्चे की तस्वीर टांगना चाहते हैं तो पश्चिमी दीवार पर ही टांगें। इससे वह काम में अधिक निपुण साबित होगा।

उत्तर दिशा

उत्तर दिशा वाले कमरे में ब्लू, ऑफ व्हाइट और हरे रंग के शेड्स का प्रयोग करना सही रहता है। यहां आपको लाल और गहरे पीले रंग के इस्तेमाल से बचना चाहिए। यदि आप यहां स्टडी टेबल रखेंगे तो वह आपके बच्चे को बेहतरीन करियर बनाने के लिए अधिक जागरूक करेगा। यदि आपका इरादा इस कमरे को हरा-भरा बनाने का है तो यहां आप कृत्रिम हरे पौधे रख सकते हैं।

 

पूर्व-उत्तर-पूर्व
वहीं यदि आपके बच्चे का कमरा पूर्व-उत्तर-पूर्व में है तो आपको दीवारों, परदे, चादर, सजावटी चीजों का रंग ब्लू, ऑफ व्हाइट और हरा रखना चाहिए। यहां स्टडी टेबल रखने से परहेज करना चाहिए। यदि कमरे में स्टडी टेबल हो तो यह उन्हें पढ़ाई के लिए अनिच्छुक बनाता है। पूर्व-दक्षिणपूर्व में यदि बच्चों का कमरा है तो यह उनके अंदर की विश्लेषणात्मक क्षमता को बढ़ाने में मददगार रहता है। इस कमरे में रहने वाले बच्चे अधिक जिज्ञासु होते हैं और उनमें सीखने और जानने की ललक बढ़ जाती है। इस दिशा वाले कमरे में उनकी तस्वीर भी नहीं रखनी चाहिए। इस कमरे में आप ऑफ व्हाइट, हल्का पीला और हरे के शेड्स का इस्तेमाल करके कमरे में सकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं।

दक्षिण- दक्षिण पूर्व
शक्ति और आत्मविश्वास के जोन दक्षिण दक्षिण पूर्व एवं आराम और यश के जोन दक्षिण में आपके बच्चे का बेडरूम हो तो आप यहां धड़ल्ले से लाल, गुलाबी, पीला, मैरून, ऑरेंज और गोल्डन जैसे रंगों का प्रयोग कर सकते हैं। यदि वॉल पेपर या कोई पेंटिंग लगानी हो तो उसमें त्रिकोण और चौकोर डिजाइन बने हों। इससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे अपने साथ के विद्यार्थियों एवं दोस्तों के बीच अधिक प्रसिद्ध होंगे। इन दिशाओं वाले कमरे में हल्के आकार वाले डिजाइन के साथ ही ब्लू और काले रंग से परहेज करना सही रहता है। बेहतर होगा कि यहां आप रेडवुड वाले बेड को रखें और धातु वाले बेड रखने से परहेज करें। यहां आप स्टडी टेबल रख सकते हैं और लाडले की तस्वीर भी।

सकारात्मक ऊर्जा
यदि आपको अपने लाडले के कमरे की दिशा का भान नहीं हो रहा है या आप समझ नहीं पा रहे हैं कि उसके कमरे के लिए कौन सा रंग उचित रहेगा तो लाइट पेस्टल शेड्स हर कमरे में सकारात्मक ऊर्जा लेकर आते हैं। आप 4 स्टेप वास्तु विश्लेषण के जरिए अपने नन्हे के कमरे के लिए सही रंगों का चयन करके उसके लिए एक सुनहरे भविष्य के निर्माण की नींव रख सकते हैं।