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पासा पलट गया-गृहलक्ष्मी की कहानियां

“अरे राशि बेटा! बड़ा अच्छा किया जो सरप्राइज दिया…बहु! राशि आई है…जरा चाय -नाश्ता लगाना।” “जी मम्मी!अभी लगाती हूँ।” ननद को देखते ही नीता के मन में गुदगुदी सी होने लगी थी। अच्छा हुआ जो कल रात विनित से बात हो गई कि दीदी के रहने पर मायके जा सकती हूँ। यही सही वक़्त है […]

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” बस मन भरने को….”-गृहलक्ष्मी की कहानियां

 बस मन भरने को…. सुनो जी आज पीहू का जन्मदिन है और देखो ना उसे कलुआ की जलेबी और समोसेबहुत पसंद है शाम को आते वक्त जरूर ध्यान से लेते आइएगा, सुमन ने अपनेपति राकेश से फोन पर कहा। जब सुमन अपने पति से फोन पर बात कर रही थी तबउसकी बूढ़ी और बीमार सास  विमला देवी भी ये सब बातें सुन […]

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बुराई का फल-21 श्रेष्ठ लोक कथाएं उत्तर प्रदेश

सयाने सच कहते हैं कि तलाई के बिगाड़े रजाई से सुधारे नहीं जा सकते। ठाकरू भी वैसा ही था। उसे हमेशा पंगा लेने को मिर्ची लगी रहती थी। वह कभी पाखी-पखेरूओं तो कभी कुत्ते-बिल्ली को मारने के लिए तत्पर रहता था। सच यह था कि वह कुबुद्धि व्यक्ति हर कहीं हर किसी को छेड़ता रहता […]

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देखो गुस्सा न करना – दादा दादी की कहानी

Hindi story for kids ‘Dekho Gussa Na Karna’ सूरज और हवा एक दिन अपनी बहादुरी की कहानियाँ सुना रहे थे। सूरज कहता था कि वह ज़्यादा ताक़तवर है और हवा कहती थी कि वह ज़्यादा शक्तिशाली है। दोनों ने तय किया कि वे एक प्रतियोगिता करेंगे। दोनों एक बड़े से मैदान की ओर मुँह करके […]

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दूर न जाओ—गृहलक्ष्मी की कहानियां

गृहलक्ष्मी की कहानियां-शादी के बाद संजीव जब नई नवेली दुल्हन को लेकर घर पहुंचा तो चारों ओर खुशी और उल्लास का माहौल था। हर कोई दुल्हन का चांद सा मुखड़ा देखने के लिए उत्सुक था। बच्चे तो अभी से दुल्हन से बातें करने के लिए बेचैन हुए जा रहे थे। संजीव भी उतावला था।जयमाल के […]

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पेन और पेंसिल का झगड़ा-21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां गुजरात

येली और जॉय दो भाई-बहन थे। येली बड़ी और जॉय छोटा था। जॉय बहुत जबरा था। येली जो-जो करे वह उसको करना होता। एक बार येली अपना होमवर्क करने बैठी थी। जॉय भी पास आकर बैठ गयाः “दीदी! मुझे भी होमवर्क करना है” -जॉय बोला। येली ने ऊँची आवाज में कहाः “ले… यह पेन और […]

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बंद घड़ी का सही टाइम—गृहलक्ष्मी की कहानियां

Motivational story: अपनी परेशानियों में गुम संध्या, सड़क के किनारे फुटपाथ पर चली जा रही थी. तिलंगाना के एक छोटे से गाँव से दिल्ली में पढ़ने आई, संध्या की ज़िंदगी की गाड़ी, बड़ी जद्दो जहद के बाद, मुश्किल से पटरी पर आई थी. एक टूटी हुई शादी और जन्म के साथ मिले गरीबी के अभिशाप […]

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चमत्कार – दादा दादी की कहानी

Hindi stories for kid ‘Chamatkar’ वर्षा का मौसम था। एक बैलगाड़ी कच्ची सड़क पर जा रही थी। यह बैलगाड़ी श्यामू की थी। वह बड़ी जल्दी में था। हल्की-हल्की वर्षा हो रही थी। श्यामू वर्षा के तेज़ होने से पहले घर पहुंचना चाहता था। बैलगाड़ी में अनाज के बोरे रखे हुए थे। बोझ काफ़ी था इसलिए […]

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”जो पास है वही खास है”—गृहलक्ष्मी की कहानियां

गृहलक्ष्मी की कहानियां- यह सत्य है कि जीवन में हर व्यक्ति की कुछ इच्छाएं ,आकांक्षाएं,अभिलाषाएंऔर चाहतें होती हैं और ऐसा होना गलत भी नहीं है। मनुष्य एक सामाजिकप्राणी है और समाज में रहते हुए इन सब चाहतों का आकांक्षाओं का होनास्वाभाविक ही है। जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए भी इनकी मौजूदगी अतिआवश्यक हो जाती है क्योंकि यदि इंसान के मन से इच्छाओं का […]

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निदान-21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां बिहार

भारत और वेस्टइंडीज के बीच क्रिकेट मैच चल रहा था। ऋत्विक, जो कि अपने महाविद्यालय की क्रिकेट टीम का एक खिलाड़ी भी था, की आँखें टी.वी. स्क्रीन पर गड़ी हुई थीं। वह भारत की बॉलिंग और वेस्टइंडीज की बैटिंग बड़े गौर से देख रहा था। भारत की बॉलिंग और फील्डिंग पर वह बार-बार मोहित हुआ […]