जो लफ्ज बोल न सके, वही जुबान तो प्यार है।

जो आंखों से खुशी और गम बनके छलके,

वही आंसू तो प्यार है।

जो बिन कहे ही दिल की बात सुन लें, वहीं बातें ही तो प्यार हैं।

जो बेखबर हमें दुनिया से बना दें, वही डगर तो प्यार है।

जो बेखौफ हर इंसा को बना दे, वो ताकत ही तो प्यार है।

जो बिन पंखों के आंसमा में उड़ा दे, वही परवाज तो प्यार है।

जो गहरे जख्मों के निशां भी मिटा दे, वही दर्दे-हयात तो प्यार है।

जो जीने कि वजह लौटा सके, वही जोश तो प्यार है।

जो इंसान के बीच हर फर्क हटा दे, वही कड़ी तो प्यार है।

जो तेज बारिश में गरज-गरज के बता दे, वो बादल भी तो प्यार है।

जो दूर रहके भी हमारे दिल में धड़कें, सांसों में चले,

आंखों में चमके, होठों पे बिखरे, यूं ही कभी भी….
या फिर वो बेबजह कि बेखुदी, वो मुस्कराहटें भी तो प्यार है।

और ऐसे प्यार से उस खुदा ने मुझे नवाजा है।