गृहलक्ष्मी की कहानियां : मेरी शादी को 2 महीने ही हुए थे। मुझे मीठा खाने का बहुत शौक है, पर मेरे पति को मीठा बिल्कुल भी पसंद नहीं है। खाना खाने के बाद बिना मीठा खाए मैं रह नहीं पाती। बात कुछ दिन पहले की है। रात को डिनर करने के बाद आदतानुसार मैंने पति से पूछा कि आपको मीठा खाना है, तो इन्होंने मना कर दिया। इनके मना करने के बाद मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं अकेले मीठा खाऊं। मैं सोच रही थी कि अगर मैंने मीठा खाया तो पति बोलेंगे कि कितना मीठा खाती है। मैं बुझे मन से किचन की सफाई करने लगी। मेरा काम में दिल नहीं लग रहा था। हुड़क सी हो रही थी मीठा खाने की। कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं। जब दिल नहीं माना तो मैंने पहले पति को देखा कि वो क्या कर रहे हैं। उनको टीवी देखता देख मैं समझ गई कि अब ये किचन में नहीं आएंगे। मैंने फ्रिज खोलकर रसगुल्ला मुंह में डाल लिया और बरतन साफ करने लगी। अचानक तभी मेरे पति किचन में आए और बात करने लगे। मैं कुछ नहीं बोल पा रही थी, क्योंकि मुंह में रसगुल्ला था। जब काफी देर तक मैं नहीं बोली तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी तरफ मेरा चेहरा किया। मेरा चेहरा देखकर वो बोले कि अरे ये क्या हुआ, तुम्हारा गाल तो फूला हुआ है। अभी तो ठीक था। ये जबरदस्ती मेरा मुंह खोलने लगे कि देखें क्या हो गया है। पर जैसे ही उनका हाथ मेरे गाल में आया, मैं मुंह चलाने लगी। तब मेरे पति को समझ आया कि मैं कुछ खा रही हूं। फिर क्या था, वह खूब हंसे। उनको हंसता देखकर मैं शर्म से लाल हो गई।
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