घुटनों में दर्द आर्थराइटिस की निशानी है। एक बार यदि यह क्षरण शुरू हो गया तो सामान्य स्थिति कम ही बन पाती है।
अस्थिरोग विशेषज्ञ डाॅ0 जसवंतसिंह का कहना है कि कुछ चीज़ें आप करें और कुछ ना करें।

करें –पैदल चलें, साइकिल चलाएॅ, कम क्षमता वाली ऐरोबिक एक्सरसाइज़ जैसे – वाॅकिंग, स्विमिंग, साइकलिंग आदि कर सकते हैं। इससे घुटनों पर जोर नहीं पडता और उनकी टोनिंग हो जाती है।
ना करें –भागना, टेनिस खेलना जैसी जोड़ों पर जोर डालने वाली एक्सरसाइज़ ना करें क्योंकि घुटनों की मांसपेशियाॅ कमज़ोर होने से दुःखने लग जाती हैं।
करें –स्ट्रेचिंग करें पैरों की। पैरों को घुमाने, घुटनों को घुमाने की एक्सरसाइज़ कीजिए। खींचने से पैरों की नसें घुटने सुधरते हैं। योगा या आसन जो आप आसानी से कर पाएं, करें।
ना करें –  एकदम से किसी व्यायाम को मत करिए। वार्मअप स्टेªचिंग पहले जरूरी है अन्यथा शरीर में ऐंठन आने की, नस खिंचने की सम्भावना रहती है।
करें –अपना वजन नियंत्रित रखिए। आपके बढते वजन का भार आपके पैरों और घुटनों को ही सहन करना पडता है इसलिए बी.एम.आई के हिसाब से वजन सही रखिए।
ना करें –  वजन घटाने के लिए अप्राकृतिक चीजों का उपयोग मत करिए। इनके साइड इफैक्ट घातक हो सकते हैं। बजन बढने न देना ही सवर्था उचित है।
करें –सही जूते पहनिए। गलत फुटवियर न केवल पैरों में परेशानी का सबब बनते हैं बल्कि घुटनों के दर्द का कारण भी। सही जूते पहनिए, घुटने और टांगे सलामत रहेगीं।
करें –अगर घुटनों में दर्द है तो मदद लेने में संकोच मत करिए। नी कैप और दूसरे डिवाइस साथ में रखें हमेशा काम में ले।
ना करें – अपनी मर्जी से घुटने पर ठंडा गर्म सेक मत कीजिए। फायदे से अधिक आप अपना नुकसान कर सकते हैं।
करें –दवाईयाॅ सही समय पर सही मात्रा में लें। कैल्श्यिम का ध्यान रखें। विटामिन डी भी अहम है। सूर्य के प्रकाश में सुबह शाम बैंठे।
ना करें –  ज्यादा दर्द निवारक दवाईयाॅ न लें। इनके साईड इफैक्ट होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
करें –अपने घुटनों पर नजर रखें इनका ध्यान रखें। दर्द या असुविधा होते ही डाॅक्टर को दिखाऐं।
ना करें –  घुटनों के दर्द को अनदेखा मत कीजिए। कुछ भी समस्या होते ही डाक्टर को कन्सल्ट कीजिए। आप नीम हकीम मत बनिए।