महिलाओं में गर्भावस्था या शिशु के जन्म के बाद, उनकी ब्रेस्ट अथवा निप्पल से व्हाइट डिस्चार्ज होना सामान्य बात माना जाता हैं। लेकिन जब बिना गर्भावस्था या बिना डिलवरी के ही महिलाओं की ब्रेस्ट से व्हाइट डिस्चार्ज होने लगता है तो इस बात को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हालांकि ऐसा होना कोई बीमारी नहीं हैं लेकिन शरीर में किसी बड़ी समस्या का संकेत जरूर हो सकता है। तो आइये जानते हैं, ब्रेस्ट से व्हाइट डिस्चार्ज होने के कौन-कौन से कारण हो सकते है और किस तरह इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
कारण
गर्भावस्था के बिना ही एक ब्रेस्ट से या फिर दोनों ही ब्रेस्ट से दूध निकलना या सफेद पानी निकलने के बहुत से कारण देखने को मिलते हैं किन्तु जो मुख्य कारण देखने को मिलता है वो हैं प्रोलेक्टिन नामक हार्मोन में गड़बड़ी होना। जी हां, इस हार्मोन में जब भी किसी तरह की गड़बड़ी होती है तो निप्पल से स्त्राव होने लगता है। यह गड़बड़ी महिलाओं में किसी दवा के साइड इफेक्ट होने के चलते उत्पन्न हो जाती है। या फिर कोई अन्य चिकित्सीय कारण इस समस्या के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं। जैसे –
- ऐस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर अधिक हो जाना।
- ब्रेस्ट के टिशू का डैमेज होना।
- निप्पल में किसी तरह की छेड़छाड़ होने पर ।
- थाइराइड होने के चलते ।
- हाइपोथेलेमस की बीमारी के कारण।
- अत्यधिक तनाव लेने से ।
- ब्रेस्ट में किसी तरह के संक्रमण या फिर फोड़ा होने के चलते भी मवाद या सफेद पानी जैसा निकलने लगता है।
- जो महिलाएं मेनोपाॅज के करीब होती हैं तो भी उनके निप्पल में सूजन और नीचे की तरफ मौजूद नलिकाओं में रूकावट आ जाती है, जिससे की ब्रेस्ट में सक्रंमण हो जाता है और इसके चलते बे्रस्ट से हरे रंग का डिस्चार्ज होता हैं।
ब्रेस्ट से व्हाइट डिस्चार्ज होन पर क्या करें
जब महिला के एक या दोनों ही ब्रेस्ट से सफेद, लाल, गुलाबी या भूरे रंग का डिस्चार्ज हो तब यह स्थिति गंभीर हो सकती है। अतः इस समस्या को अनदेखा नहीं करना चाहिए। ये जानने की कोशिश करनी चाहिए कि ये किन कारणों के चलते हो रहा है। सही कारणों की जानकारी निम्नलिखित टेस्ट के जरिए हो सकती है। ताकि कारण पता लगने पर सफलता पूर्वक उपचार किया जा सके।
- ब्रेस्ट के टिशू की जांच मेमोग्राम या सोनोग्राफी द्वारा करवाना।
- एम आर आई करवाना, ताकि मस्तिष्क की जांच हो सकें।
- ब्लड की जांच करवाना।
- हार्मोंस की जांच करवाना।
कुछ उपाय स्वयं करें
- डाक्टर से संपर्क करने पर उनके द्वारा किये जा रहे इलाज के अलावा महिलाए कुछ उपाय स्वयं अपनाकर इस परेशानी से बच सकती हैं, जैसे वो अपने ब्रेस्ट से किसी भी तरह की छेड़छाड़ ना करें।
- किसी भी बात के बारे मे हद से ज्यादा चिंता करने से बचें अर्थात तनाव ना लें। ऐसी ब्रा पहने जिससे कि ब्रेस्ट पर ज्यादा दवाब ना पड़े और उन्हें रगड़ ना लगे और पौष्टिक आहार का सेवन करें।
- सबसे महत्वपूर्ण बात इस समस्या को शर्म की बात ना मानकर किसी अपने से इस विषय पर खुलकर बात करें ताकि आपकी ये समस्या कोई गंभीर रूप ना धारण कर सकें।
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