बचपन से एक्ट्रेस बनने का ड्रीम देखने वाली श्रद्धा की पहली फिल्म ‘तीन पत्ती’ फ्लॉप हो गई थी, लेकिन श्रद्धा कपूर ने हार नहीं मानी। बस फिर क्या था, उनकी दूसरी फिल्म ‘आशिकी-2’ ने सफलता के सारे रिकार्ड तोड़ दिए और तब से अब तक श्रद्धा लगातार एक के बाद एक हिट फिल्में देती जा रही हैं। उनकी फिल्में चाहे वो ‘हैदर’ हो या ‘एक विलेन’ या ‘एबीसीडी-2’, श्रद्धा की एक्टिंग को हमेशा सराहा गया है। आज श्रद्धा कई नामी ब्रांड्स के विज्ञापन से भी जुड़ी हैं। श्रद्धा की एक्टिंग की ही तरह उनकी आवाज़ भी लोगों के पसंद आ रही है। उन्होंने संगीत की ट्रेनिंग बहुत कम उम्र से ली है और अपनी ही फिल्म में गाने भी गाए हैं। श्रद्धा चाहती हैं कि उनका गाने का शौक ऐसा ही बना रहे और वह हमेशा संगीत से जुड़ी रहें। 

फिल्म ‘बागी’ में आपका किस तरह का रोल है?

फिल्म में मैं सिया नाम की लड़की का किरदार निभा रही हूं, जो पूरी तरह से बागी है। वह फेमिनिन है लेकिन फुल ऑफ लाइफ है और हमेशा पंगा लेने के लिए तैयार रहती है। फिल्म में मैंने मार्शल आर्ट भी किया है।

रियल लाइफ में आप कितनी बागी हैं?

(हंस कर) अरे नहीं, मैं वैसी बागी नहीं हूं। हां, वैसे देखा जाए तो हम सब कहीं न कहीं बागी होते हैं। किसी भी अच्छे कारण के लिए मैं कभी भी बागी बन सकती हूं। मुझे लगता है कि शायद मैं अपनी फिल्म ‘ऐबीसीडी2’ के समय  बागी हो गई थी, जब लोगों ने ये कहा कि मैं डांस नहीं कर सकती तब मैंने 101% मेहनत की और डांस सीखा।

आपने इस फिल्म के लिए मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग भी ली?

मैंने बैंकाक में मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ली लेकिन मजे की बात कि मुझे सीखने में ज्यादा वक्त नहीं लगा, शायद मेरी ‘ऐबीसीडी2’ के दौरान ली गई फिज़िकल ट्रेनिंग यहां काम आई। मैंने बॉडी और माइंड को एकाग्र करके बहुत मेहनत से मार्शल आर्ट सीखा है। इसमें सारे एक्शन बहुत चुनौतिपूर्ण हैं।

आपकी पहली ही फिल्म फ्लाप हो गई थी, उस वक्त कैसे महसूस किया था, अब सफलता का स्वाद चख लिया है?

हां, जब मेरी पहली फिल्म फ्लाप हो गई थी तो मुझे बहुत बुरा लगा था, मेरे लिए वो समय बहुत कठिन था लेकिन मेरे साथ मेरी फैमिली का स्ट्रॉन्ग स्पोर्ट था, मुझे पापा-मम्मी ने हमेशा हौसला दिया है। मुझे लगता है फेल्योर से आपको सीख मिलती है, खुद को जानने का मौका मिलता है, वह समय आपको और स्ट्रॉन्ग बनाता है। फिर फेल्योर के बाद सफलता का स्वाद भी अच्छा लगता है, फेल्योर से आप मेंटली सोचने पर मजबूर होते हैं, क्योंकि फैमिली स्पोर्ट के बाद भी आपको स्वयं ही उससे निकलना पड़ता है।

रियल लाइफ की श्रद्धा किस बात का सबसे ज्यादा ख्याल रखती हैं?

मुझे एकदम मुंहफट जैसा बोलना पसंद नहीं है। बोलने से पहले दस बार सोचती हूं, हमेशा दूसरों का ख्याल रखना चाहती हूं, किसी की फिलिंग्स को हर्ट करना मुझे अच्छा नहीं लगता। मेरी किसी बात से किसी को तकलीफ न हो इस बात का हमेशा ख्याल रखती हूं।

आज की यंग जनरेशन के लिए क्या मैसेज देंगी?

मुझे लगता है कि आज हर एक को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेनी चाहिए। आज की लड़की को अपने आपको संभालना आना चाहिए। किसी भी अच्छे कॉज़ के लिए बागी हो जाने में कोई बुराई नहीं है। साथ ही अच्छी सोच और खुश रहना जरूरी है।

अपने पापा के बारे में कुछ बोलिए?

मुझे गर्व है कि मैं इतने बड़े खलनायक और कॉमेडियन शक्ति कपूर की बेटी हूं, उनकी जितनी ऊंचाइयों को छूने के लिए अभी मुझे बहुत काम करना है।

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