Moral Stories: जी चाह रहा है, ‘थू’ कह कर निकल जाऊं। कलेजा फूक गया है। जली-भुनी बैठी हूं। कभी अपनी ननद रानी के लिए लाई गई बालियों की ओर देखती हूं और कभी अपने खाली कानों की ओर। मेरा पुत्र हैप्पी, सुनार से बालियों की डिबिया मेरे हाथों में थमा कर कहने लगा, “मां, फूफा […]