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बंजर का बीज-  गृहलक्ष्मी की कहानियां

Story in Hindi: रात के करीब बारह बजे होंगे, मैं अपने बिस्तर पर लेटी करवटें बदल रही थी. बगल में उमेश मजे से खर्राटे भर रहा था. लेकिन नींद का दूर-दूर तक कोई नामों निशान नहीं था. मेरी नाज़ों की पाली बिगड़ैल नींद को जब तक अपना कमरा, अपना बिस्तर और अपना तकिया ना मिले, […]