Maa ki Sikh: शैली के विवाह को अभी मुश्किल से तीन माह हुए थे और वह अपने ससुराली जनों से नाराज होकर मायके में आकर बैठ गई। उसकी दशा देखकर उसकी माँ अरुणिमा ने उसे अपने पास बुलाया और प्यार से उसके बालों को सहलाते हुए कहने लगीं- ” तुम्हें अपने घर वापस जाना चाहिए। […]
Author Archives: प्रीति चौधरी मनोरमा
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अपना घर-गृहलक्ष्मी की कहानियां
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