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अंतत: उसका आत्मसम्मान खिल गया—गृहलक्ष्मी की कहानियां

Atmasamman Story: बाल्कनी में बैठी कल्पना अपलक समुद्र की लहरों को निहारती हुई न जाने किन ख़्यालों में खोई थी की उसे काले कालेबादलों की गर्जन और तूफ़ान का भी आभास नही हो रहा था ।ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे तूफ़ान बाहर नहीं ..अपितु उसकेभीतर आ रहा हों ।शहर की जानी -मानी लेखिका कल्पना […]