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मायके का कौआ भी प्यारा-गृहलक्ष्मी की कहानी

Home Short story: यह घटना सन 1990 की है। उस वक़्त मेरी उम्र मात्र उन्नीस साल थी। दशहरे की छुट्टियों में हॉस्टल के बच्चे दस दिवसीय दौरे पर घूमने जा रहे थे। मेरा भी मन हो रहा था। घूमने  जाना ठीक होगा या नहीं यह निर्णय लेने में असमर्थ थी तो माँ से पूछ लिया। […]